गोवा में बुधवार को हुई कांग्रेस की आखिरी बड़ी चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अवैध खनन और वंशवादी राजनीति जैसे विवादित मुद्दों पर टिप्पणी करने से बचे. इसी बीच माइक खराब हो जाने के कारण उन्हें शर्मिदगी भी झेलनी पड़ी.
उन्होंने हालांकि कहा कि यदि गोवा में कांग्रेस-नीत गठबंधन सरकार फिर से सत्ता में आई तो केंद्र सरकार इस राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी.
मनमोहन सिंह ने कहा, 'यदि गोवा के लोगों ने हमारी पार्टी की सरकार को फिर से सत्ता सौंपी तो हम गोवा के शहरों और कस्बों में ढांचागत सुधार पर और अधिक ध्यान देंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पर्यटन मानचित्र पर गोवा हीरा की तरह चमक रहा है.
प्रधानमंत्री ने गोवा से 40 किलोमीटर दूर सैंक्वेलिम राजकीय कॉलेज के मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने हालांकि दो विवादित मुद्दों पर कोई टिप्पणी नहीं की, जबकि ये दोनों मुद्दे विपक्षी दलों के प्रचार अभियान के हिस्से हैं. ये मुद्दे हैं अवैध खनन और वंशवादी राजनीति. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस द्वारा 33 में से 12 टिकट निवर्तमान विधायकों के रिश्तेदारों को दिए जाने के बाद इसे मुख्य मुद्दा बनाया है.
मनमोहन सिंह ने अपने संक्षिप्त संबोधन में गोवा में हिंसापूर्ण घटनाओं और अंधाधुंध खनन से पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर चिंता जताई और कहा कि विकास तथा पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम प्रगति चाहते हैं, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं. आने वाली पीढ़ी के कल्याण के लिए हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करनी होगी.'