फिल्म ‘दोस्ताना’ और ‘फोर्स’ में अपने शानदार डीलडौल और कद काठी के कारण जमकर प्रशंसा बटोरने वाले फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम का कहना है कि अब तक उनका शारीरिक सौष्ठव ही फिल्म निर्माताओं के लिए मुख्य मुद्दा रहा है लेकिन अब निर्माताओं ने उसे दूसरे नजरिए से देखना शुरू कर दिया है.
जॉन ने कहा कि फिल्म एक दृश्य माध्यम है. शाहरूख से लेकर आमिर तक हर कोई अपने शरीर सौष्ठव को लेकर सजग है. उन्हें लगता है कि उनका शरीर अच्छा दिखना चाहिए, लेकिन मेरे लिए सिर्फ कद काठी ही सब कुछ नहीं रही. मेरे चाहने वाले मेरे शारीरिक सौष्ठव की प्रशंसा करते हैं इसलिए मैं इसे खोना भी नहीं चाहता.
जॉन ने कहा, ‘मेरे जैसी शारीरिक बनावट पाने के लिए लोग मरते हैं और मैंने भी इसे हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है तो फिर मैं इसका फायदा क्यों न उठाऊं.’ 28 वर्षीय अभिनेता को अब ऐसा महसूस होने लगा है कि बॉलीवुड का समय बदल रहा है और फिल्म निर्माता अब उन्हें दूसरे नजरिये से देखने लगे हैं.
जॉन ने कहा कि फिल्म निर्देशकों की सोच बदल रही है और अब वह जॉन अब्राहम को सिर्फ उसकी शानदार फिजीक की वजह से किसी फिल्म के लिए नहीं चुनते. उन्होंने कहा कि अब उन्हें मुझपर ज्यादा विश्वास हो गया है और फिल्म निर्माता भी उनपर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं.
जॉन ने कहा, ‘आज जब संजय गुप्ता मुझसे ‘शूटआउट एट वडाला’ फिल्म की बात करते हैं तो वह मुझे बताते हैं कि इसमें मैं महाराष्ट्र के एक ढीली कमीज पहनने वाले व्यक्ति का किरदार निभा रहा हूं. इसमें मेरी बॉडी की बात कहां है. मुझे लगता है कि वह सब चीजें अब पीछे छूट गई हैं.’