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भूकंप: अप्रैल तक पूरा हो जाएगा दिल्ली का माइक्रोजोनेशन

भूकंप के कारण होने वाली क्षति को कम करने के प्रयास के तहत भूकंप विज्ञानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भूकंप के खतरे पर सूक्ष्म विश्लेषण अप्रैल तक पूरा कर लेंगे.

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भूकंप के कारण होने वाली क्षति को कम करने के प्रयास के तहत भूकंप विज्ञानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भूकंप के खतरे पर सूक्ष्म विश्लेषण अप्रैल तक पूरा कर लेंगे.

दिल्ली पर भूकंप के प्रभाव का क्षेत्रवार आकलन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में जोर शोर से जारी है. दिल्ली के अलावा 30 शहरों का भी आकलन हो रहा है.

विभिन्न इलाकों में माइक्रोजोनेशन (अलग-अलग इलाकों का आकलन) का काम चल रहा है और वहां भूकंप के खतरे से होने वाली क्षति की संभावना का पता लगाया जा रहा है.

परियोजना के अप्रैल तक पूरा होने की उम्मीद है. इसके तहत राजधानी के विभिन्न इलाकों में मिट्टी की जांच होगी ताकि क्षेत्रवार खतरे का आकलन हो सके. इसके पूरा हो जाने पर हर क्षेत्र के लिये सुरक्षा दिशानिर्देशों को सूत्रबद्ध करने में आसानी होगी.

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आईएमडी के भूकंप विभाग में वैज्ञानिक आर. एस. दत्तात्रेयम ने कहा, ‘दिल्ली के हर इलाके की मिट्टी एक जैसी नहीं है और इससे भूकंप का प्रभाव भी अलग-अलग होगा. इसके आकलन के लिये मैप स्केल 1:50000 पर माइक्रोजोनेशन प्रक्रिया की गई और 1:10000 के स्केल पर फ्रांसीसी प्रक्रिया भी जारी है.’ भूकंप माइक्रोजोनेशन से वैज्ञानिकों को मिट्टी के प्रकार को श्रेणीबद्ध करने और किसी खास क्षेत्र के ढांचे को सूचीबद्ध करने में आसानी होगी. साथ ही भूकंप की स्थिति में जानमाल की क्षति का आकलन भी किया जा सकेगा.

इस माइक्रोजोनेशन आंकड़े के आधार पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) हर इलाके के लिये सुरक्षा दिशानिर्देश जारी कर सकेगा.

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