पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रविवार को अपनी एकदिवसीय भारत यात्रा के दौरान अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई और जियारत की तो नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सियासत की मेज पर दोनों मुल्कों में रिश्तों में आई कड़वाहट को दूर करने के लिए सभी मुद्दों पर वार्ता की. जरदारी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तो उनके बेटे बिलावल भुट्टो ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को अपने देश आने का निमंत्रण दिया, जिसे दोनों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया. इस प्रकार जरदारी और मनमोहन ने दोनों देशों के सम्बंधों को सामान्य बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम बढ़ाया है.
मनमोहन सिंह ने 7 रेसकोर्स मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर जरदारी से 40 मिनट बातचीत की. उसके बाद जरदारी ने सिंह द्वारा आयोजित भोज में शिरकत की.
दोनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाने और मीडिया की तरफ मुस्कराते हुए मुखातिब होने के बाद बातचीत शुरू की. मनमोहन सिंह ने बातचीत को बहुत रचनात्मक बताया.
सिंह ने जोर देकर कहा कि दोनों पक्ष सम्बंधों को सामान्य बनाने की इच्छा रखते हैं. 26/11 के हमले के बाद ये सम्बंध बिगड़ गए थे. लेकिन मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बीच हुई हाल की मुलाकातों से सम्बंधों में सुधार हुआ है. पहली मुलाकात पिछले वर्ष नवम्बर में मालदीव में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई थी, और उसके बाद पिछले महीने सियोल में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के मौके पर.
दोपहर भोज के लिए जाने से ठीक पहले मनमोहन सिंह ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बंध सामान्य होने चाहिए, यह हमारी साझी इच्छा है.’
मनमोहन सिंह ने कहा, ‘राष्ट्रपति जरदारी निजी दौरे पर यहां आए हैं और मैंने इसका लाभ उठाते हुए उनसे सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. राष्ट्रपति जरदारी और मेरे बीच सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर विचारों का रचनात्मक और दोस्ताना आदान प्रदान हुआ.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे बीच कई मुद्दे लम्बित हैं और हम इन सबका व्यावहारिक समाधान निकालना चाहते हैं. यही वह संदेश है जो मैं और राष्ट्रपति जरदारी देना चाहते हैं.’
मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान यात्रा का जरदारी का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया. सिंह ऐसे समय में पाकिस्तान जाएंगे जो दोनों देशों के लिए अनुकूल हो. यदि यह दौरा मूर्तरूप लेता है तो पिछले आठ वर्षों के दौरान किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला पाकिस्तान दौरा होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति जरदारी ने मुझे पाकिस्तान आने का न्योता भी दिया है.. आपस में सुविधाजनक तिथि पर पाकिस्तान का दौरा करने में मुझे बेहद खुशी होगी.’ मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब के गाह गांव में हुआ था.
जरदारी ने भी जवाब में गर्मजोशी दिखाई. उन्होंने भारत के लोगों का 'सलाम अलैकुम' कहकर अभिवादन किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ 'बहुत फलदायी बातचीत' हुई. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान पड़ोसी हैं और, ‘हम भारत के साथ बेहतर सम्बंध चाहते हैं. हमने उन सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की, जिन पर हम कर सकते थे.’
उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि मनमोहन सिंह से जल्द ही पाकिस्तान में मुलाकात होगी.’
इसके पहले 27 मार्च को सियोल में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के मौके पर गिलानी ने भी मनमोहन सिंह को पाकिस्तान आने का न्योता दिया था. लेकिन तब सिंह ने जवाब में कहा था कि वह तभी पाकिस्तान का दौरा करेंगे, जब कुछ ठोस उपलब्धि हासिल होने वाली हो.
राष्ट्रपति जरदारी अपने पहले दौरे पर दोपहर को विशेष विमान से यहां पहुंचे. मनमोहन सिंह के साथ बातचीत करने के बाद वह जयपुर के लिए प्रस्थान कर गए. उन्हें सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत करने अजमेर जाना था.
जरदारी के साथ 40 सदस्यीय विशाल प्रतिनिधिमंडल भी था, जिसमें उनके पुत्र बिलावल भुट्टो जरदारी, आंतरिक मंत्री रहमान मलिक, विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी, राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर और परिवार के करीबी सदस्य शामिल हैं.
हाफिज और आतंकवाद पर करो कार्रवाई
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जरदारी से बातचीत के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह जरूरी है कि 26/11 के आतंकवादी हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
विदेश सचिव रंजन मथाई ने दोनों नेताओं की बातचीत के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से कहा कि यह जरूरी है कि 26/11 के मुम्बई हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने हाफिज सईद की गतिविधियों पर भी चर्चा की.’
इस मुद्दे पर आगे की बातचीत दोनों देशों के बीच प्रस्तावित गृह सचिव स्तर की बातचीत के दौरान होगी. अमेरिका ने हाल ही में सईद की गिरफ्तारी और उसे दोषी ठहराए जाने के लिए एक करोड़ डॉलर इनाम की घोषणा की थी.
भारत व पाकिस्तान के बीच सुधर रहे व्यापारिक रिश्तों को लेकर भी चर्चा हुई. प्रधानमंत्री ने इस बात की प्रशंसा की कि पाकिस्तान ने द्विपक्षीय व्यापार की दिशा में आगे कदम बढ़ाया है.
दोनों पड़ोसियों के बीच लोगों में आपसी सम्पर्क बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा हुई, और यह तय किया गया कि 2011 में जिस वीजा व्यवस्था पर सहमति बनी थी, उसपर दोनों देशों के गृह सचिवों के बीच आगामी बैठक में चर्चा होगी.
अजमेर में की जियारत
जरदारी ने रविवार अपराह्न् राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई और अमन-चैन के लिए जियारत की. जरदारी ने दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर का दान भी दिया.
दरगाह के खादिम (संचालक) जीशान कप्तान ने आईएएनएस कहा, ‘राष्ट्रपति जरदारी ने यहां जियारत की और दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर (करीब पांच करोड़ रुपये) दान दिए.’
कप्तान के मुताबिक गरीब नवाज के नाम से मशहूर सूफी संत के दरगाह में जरदारी और उनके पुत्र बिलावल ने 10 मिनट बिताए. यहां उन्होंने जेब में रखी कुरान की कुछ आयतें पढ़ीं. पिता-पुत्र ने पाकिस्तान से लाई गई चादरें चढ़ाईं. इसके बाद खादिम ने दोनों को उपहार भेंट किए.
जरदारी भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर एमआई-17 से अपराह्न् चार बजे के बाद अजमेर हेलीपैड पर उतरे. उसके बाद वह 12 किलोमीटर दूर स्थित दरगाह के लिए कारों के काफिले में रवाना हुए.
जरदारी के दौरे के मद्देनजर पूरे अजमेर में सुरक्षा चाकचौबंद थी. शहर की सभी दुकानें पहले ही बंद करा दी गई थीं.
मनमोहन ने जरदारी से अमन की दुआ मांगने को कहा
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर वह दोनों देशों के बीच अमन की दुआ करें, और जरदारी इसके लिए राजी हो गए.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज ने सात रेसकोर्स मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर दोपहर भोज में हिस्सा लेने के बाद ट्विटर पर लिखा, ‘भोज जब समापन की ओर था, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति जरदारी से कहा कि चूंकि वह अजमेरशरीफ जा रहे हैं, लिहाजा उन्हें ख्वाजा साहिब के समक्ष दोनों देशों के बीच अमन के लिए दुआ करनी चाहिए. राष्ट्रपति जरदारी ऐसा करने पर राजी हो गए.’
जरदारी के भोज के लिए विशाल टेबल
प्रधानमंत्री द्वारा जरदारी के लिए सात रेसकोर्स मार्ग स्थित आवास में आयोजित भोज में 20 लोगों के बैठने के लिए विशाल टेबल सजाया गया था. उस पर मटमैले रंग की मेजपोश बिछी थी, जिसपर फूलदान और चांदी के बरतन सजे हुए थे.
भोज की इस शानदार तैयारी के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जरदारी के पालम हवाई अड्डे पर पहुंचने के ठीक बाद ट्वीट किया गया.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक चित्र के साथ ट्विटर साइट पर कहा है, ‘प्रधानमंत्री आवास में- पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी के साथ भोजन की तैयारियां.’