दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को 26/11 मुम्बई आतंकवादी हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली और 8 अन्य पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ आरोपपत्र मंजूर कर लिया.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से दायर आरोपपत्र में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के दो अधिकारियों के नाम हैं.
अदालत मामले पर अगली सुनवाई 13 मार्च को करेगी और इस पर बहस करेगी कि हेडली और उसके साथी कनाडा मूल के तहव्वुर राणा को अमेरिका से कैसे प्रत्यर्पित कर भारत लाया जाए. दोनों अमेरिका की एक जेल में बंद हैं.
हेडली और राणा का प्रत्यर्पण मुश्किल है, क्योंकि हेडली अपनी सजा कम करने के लिए आतंकवादी साजिश में अपनी भूमिका कबूल कर सरकारी गवाह बन चुका है और इसके मुताबिक अमेरिका सुनवाई के लिए उसे भारत सहित किसी देश को प्रत्यर्पित नहीं कर सकता है.
वहीं, 26/11 हमले की साजिश रचने में हेडली की कथित रूप से मदद करने वाला राणा अमेरिका में आरोप मुक्त हो चुका है लेकिन डेनमार्क में हमला कराने के आरोप पर वह सुनवाई का सामना कर रहा है.
एनआईए ने अपने आरोपपत्र में साजिशकर्ता के रूप में जकी-उर-रहमान लखवी, हेडली के सहयोगी साजिद माजिद, अल कायदा के आतंकवादी इलियास कश्मीरी, मेजर इकबाल, मेजर समीर और लश्कर कमांडर अब्दुल रहमान हाशमी का नाम शामिल किया है. माना जाता है कि इकबाल और समीर आईएसआई के लिए काम करते हैं.
अदालत ने माजिद, हाशिमी, मेजर इकबाल, मेजर समीर और कश्मीरी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. समझा जाता है कि ये सभी पाकिस्तान में हैं.
मुम्बई आतंकवादी हमले में संलिप्तता के आरोप पर लखवी पाकिस्तान की एक जेल में बंद है और सुनवाई का सामना कर रहा है. इस आतंकवादी हमले में विदेशी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे.