तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए संप्रग उम्मीदवारों के नामों को नाटकीय ढंग से खारिज किए जाने और उनके द्वारा लगातार दी जा रही चुनौती को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि ‘झुकने’ की भी एक ‘सीमा’ होती है और कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिनसे बचा नहीं जा सकता तो उनका सामना करना पड़ता है.
वह एक निजी चैनल के कार्यक्रम में सवालों का जवाब दे रहे थे कि यदि ममता बनर्जी सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होने का फैसला करती हैं तो क्या कांग्रेस संप्रग से उनके अलग होने को रोकने के लिए यथासम्भव कोशिश करने के लिए तैयार है.
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस अपने से ममता बनर्जी से संप्रग छोड़ने को नहीं कह रही है और ‘न ही उन्हें बाहर फेंक रही है.’ यह पूछे जाने पर कि यदि ममता ऐसा करने का फैसला करती हैं तो उन्हें गठबंधन से बाहर जाने से रोकने के लिए तृणमूल कांग्रेस के समक्ष कांग्रेस किस हद तक झुकेगी, दिग्विजय ने कहा, ‘उन्हें संतुष्ट रखने के सभी प्रयास किए गए, उनके विचारों को स्वीकार किया, उनकी हठ को माना..एक खास सीमा से परे, फैसला उनका है..आपके झुकने की एक सीमा होती है..कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो टाली नहीं जा सकतीं तो उनका सामना करना पड़ता है.’
दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए यह ‘काफी विडम्बनापूर्ण’ है कि ममता ने राष्ट्रपति पद के लिए न सिर्फ संप्रग के दोनों उम्मीदवारों के नामों को खारिज कर दिया, बल्कि समाजवादी पार्टी से हाथ मिला लिया तथा प्रधानमंत्री सहित तीन और नामों की घोषणा कर दी.