ये पहला मौका है, जब देश में दो-दो राज्य सरकारें एक साथ माओवादी आतंकियों से दो वीआईपी की रिहाई की गुजारिश कर रही है और अगर ताज़ा खुफिया रिपोर्ट पर गौर करें तो वीआईपी अपहरण का यह खौफनाक सिलसिला खत्म होने वाला नहीं लगता.
आजतक के हाथ लगी रिपोर्ट के मुताबिक माओवादियों अपने इस गेम प्लान को बड़ी जमीन देने के लिए जहां पढ़े लिखे कॉडर की भर्ती कर रहे है, वही अपने तोपखाने को मजबूत करने के लिए हाई-फाई हथियार फैक्ट्रियां शुरू कर चुके है.
रिपोर्ट के खुलासे चौंकाने वाले हैं क्योंकि इन फैक्ट्रियों में बंदूक-गोली के अलावा ग्रेनेड और राकेट लांचर जैसे खतरनाक हथियारों के पार्ट्स बनाए जा रहे हैं. माओवादी अपनी मिलिट्री तकनीक को बेहतर बनाने के लिए चीन की ख़ुफ़िया एजेंसी की मदद ले रहे हैं.
खुफिया एंजेंसियों को ये सनसनीखेज जानकारी पिछले दिनों आंध्र प्रदेश में गिरफ्तार किये गए माओवादी मास्टर माईंड सदनाला राम कृष्ण उर्फ़ विवेक शर्मा की पूछताछ में हासिल हुई. सदानाला ने खुलासा किया की इस फैक्ट्री को TRAM यानी Technical Research arms Manufacturing unit कहते है. TRAM की 7 प्रो़डक्शन यूनिट है और पन्द्रह वैज्ञानिक यहां सैन्य उत्पादन से जुड़े है.
घने जंगलों में चल रही फैक्ट्रियों को चलाने के लिए माओवादियों ने बाकायदा एक बैंक अकाउंट खोला. यूको बैंक में खोले गए इस एकाउंट का नंबर 070007110038666 है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस अकाउंट से कोलकाता और मुंबई की कई हार्डवयेर कम्पनियों को पेमेंट किये गएं और ये पेमेंट हथियार बनाने के लिए खरीदे गए साजो-सामान के बदले दिया गया.
सूत्रों के मुताबिक दुनिया के कई देशों की मिलिट्री तकनीक से भी आगे बढ़ गए माओवादियों के सैन्य वैज्ञानिक ज्यादातर इंजिनियरिंग पृष्ठभूमि के है और चीन की ख़ुफ़िया एजेंसियों से मदद ले रहे है. इस सिलसिले में माओवादियों ने मणिपुर और नागालैंड के आतंकी संगठन से हाथ मिलाया है. ज़ाहिर तौर पर माओवादियों का नया गेम प्लान हमारी आपकी सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती है.