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'कागज' फिल्म की तरह खुद को जिंदा साबित करने के लिए ठोकरें खा रहा ये बुजुर्ग, विभाग ने लिखा मृतक

'कागज' फिल्म की तरह खुद को जिंदा साबित करने के लिए ठोकरें खा रहा बुजुर्ग.
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यूपी के गोंडा में फिल्मी तर्ज पर विभाग ने जिंदा बुजुर्ग श्याम बिहारी को मृतक घोषित कर दिया. अब बुजुर्ग खुद को कागज में जिंदा करने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं. उनका कहना है कि यदि वह कागज में जिंदा हो जाएं तो 500 रुपये महीना वृद्धा पेंशन मिलने लगे जिससे वह अपना जीवन यापन कर सकें. क्योंकि बुजुर्ग को सेक्रेटरी/ग्राम पंचायत अधिकारी ने कागजों में मृतक घोषित कर दिया है, इसी वजह से उनकी पेंशन भी रोक दी गई है. (इनपुट-अंचल  श्रीवास्तव)

 गोंडा के पंडरी कृपाल ब्लॉक के मुंडेरवा कला गांव का मामला.
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दरअसल, यह कहानी गोंडा के पंडरी कृपाल ब्लॉक के मुंडेरवा कला गांव के 85 वर्षीय बुजुर्ग श्याम बिहारी की है. बुजुर्ग श्याम बिहारी का कहना है कि मुझको कागज में जिंदा कर दिया जाए इसके लिए उन्होंने कई प्रार्थना पत्र दिए लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई. श्याम बिहारी के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग उनके खाते में हर तीसरे महीने 1500 रुपये भेज देता था जिससे वह अपना जीवन यापन करते थे.

समाज कल्याण अधिकारी ने मानी अपनी गलती.
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जब कई महीने बीत जाने के बाद भी श्याम बिहारी की पेंशन नहीं आई तो उन्होंने विभाग से पता किया. तब बुजुर्ग को पता चला कि वह कागज में मृतक हो चुके हैं. यह जानकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. फिर भी चलने में असमर्थ बुजुर्ग लगातार विभाग में जाकर अपने जिंदा होने की एप्लीकेशन देते रहे. बुजुर्ग के मुताबिक, उनके कई जतन के बावजूद भी कहीं सुनवाई नहीं हुई. इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि हम मानते हैं कि ग्राम विकास अधिकारी से गलती हुई है. 

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बुजुर्ग को इंसाफ का इंतजार.
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दूसरी तरफ, समाज कल्याण अधिकारी मोती लाल ने बताया कि 6 जुलाई 2019 से पहले श्याम बिहारी को वृद्ध पेंशन दी जा रही थी लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी ने सत्यापन सूची भेजी जिसमें इन्हें मृतक घोषित कर दिया गया, जिससे इनकी पेंशन रोक दी गई थी. अब ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ एफआईआर लिखवाई जाएगी और कार्रवाई की जाएगी. वहीं, बुजुर्ग को उसी डेट से पेंशन भी दी जाएगी. दूसरी तरफ बुजुर्ग द्वारा दिखाए गए परिवार रजिस्टर की कॉपी में भी श्याम बिहारी का नाम दर्ज नहीं है जिसको सेक्रेटरी ने मई 2020 में जारी किया है. इससे भी साजिश का अंदाजा लगाया जा सकता है.

बुजुर्ग श्याम बिहारी को कागजों में जिंदा होने का इंतजार.
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वहीं, लोगों का कहना है कि एकदम फिल्मी तर्ज पर विभाग ने जिंदा बुजुर्ग श्याम बिहारी को मृतक घोषित कर दिया. यदि बुजुर्ग को फिर से पेंशन मिलने लगे तो उनकी काफी मदद होगी क्योंकि इस उम्र में अब बुजुर्ग का चलना फिरना भी लाठी के सहारे होता है. वह  विभाग के कब तक चक्कर काटेंगे. फिलहाल, बुजुर्ग श्याम बिहारी को इंसाफ का इंतजार है साथ ही अब वह कब कागजों में जिंदा होंगे. 

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