फरवरी के महीने में आपको सिर्फ मंगल-मंगल ही सुनाई देगा. क्योंकि मंगल ग्रह पर यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात ने अपना यान पहुंचाया है. वहीं, चीन का यान आज यानी 10 फरवरी को किसी समय मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करेगा. जबकि, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का पर्सिवरेंस मार्स रोवर 18 फरवरी को मंगल की सतह पर उतरेगा. साइंटिस्ट आपस में मजाक करते हुए कहते हैं कि तीनों देश मंगल ग्रह पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे. आइए जानते हैं इन मंगल मिशन के बारे में... (फोटोःनासा)
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की स्पेस एजेंसी ने 9 फरवरी की रात 9 बजे मंगल मिशन यानी होप मार्स मिशन (Hope Mars Mission) को मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा दिया. स्पेस एजेंसी ने ट्वीट करके कहा है कि हमारी सात साल की मेहनत रंग लाई है. इस मिशन को 19 जुलाई 2020 में लॉन्च किया गया था. (फोटोःHope Mars Mission)
UAE ने होप मार्स मिशन (Hope Mars Mission) को लॉन्च करने के लिए जापान के तांगेशिमा स्पेस सेंटर से मित्शुबिशी हैवी इंड्स्ट्री रॉकेट से छोड़ा गया था. UAE के साइंटिस्ट्स को उम्मीद है कि यह दो साल तक मंगल ग्रह की कक्षा में काम करेगा. यह अरब देश का पहला मंगल मिशन था. (फोटोःगेटी)
7 years of work crowned with success! The Hope Probe is now in Mars' orbit.#ArabsToMars #HopeProbe pic.twitter.com/IJdRTDcWF9
— Hope Mars Mission (@HopeMarsMission) February 9, 2021
होप मार्स मिशन (Hope Mars Mission) मंगल ग्रह की कक्षा में चक्कर लगाएगा. इस मिशन की डिजाइन, डेवलपमेंट और ऑपरेशन मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर से किया गया. इस यान में तीन तरह के इमेजर लगे हैं. जो मंगल ग्रह की अलग-अलग तरह की तस्वीरें लेंगे. (फोटोः गेटी)
इसी तरह चीन ने भी अपना यान तियानवेन-1 (Tianwen-1) मंगल ग्रह पर भेजा है. चीन ने इस यान को 23 जुलाई 2020 को लॉन्च किया था. उम्मीद जताई जा रही है कि चीन का यान तियानवेन-1 (Tianwen-1) आज यानी 10 फरवरी को किसी समय मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करेगा. (फोटोःगेटी)
चीन के तियानवेन-1 (Tianwen-1) यान में एक रोवर है जो मंगल ग्रह की सतह पर खोजबीन करेगा. लेकिन इसकी लैंडिंग मई के महीने में कराई जाएगी. उससे पहले ये मंगल ग्रह की कक्षा में चक्कर लगाते हुए तस्वीरें लेगा और पानी, बर्फ, वातावरण आदि की जानकारियां जमा करेगा. (फोटोःगेटी)
The first image of Mars returned by China's #Tianwen1 spacecraft. (Image credit: CNSA/PEC (Planetary Exploration of China))
— Laurence Tognetti, MSc 🔴🚀 (@ET_Exists) February 10, 2021
The spacecraft is expected to enter Mars orbit on Wednesday (Feb. 10). pic.twitter.com/6diswgvJVC
चीन का तियानवेन-1 (Tianwen-1) मंगल ग्रह के यूटोपिया प्लैनिटिया में लैंड करेगा. जमीन पर उतरने के बाद लैंडर से एक रोवर बाहर निकलेगा. ये रोवर मिट्टी की स्टडी करेगा. साथ ही वहां मौजूद मिनरल्स का अध्ययन भी करेगा. (फोटोःगेटी)
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का मार्स मिशन पर्सिवरेंस 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर लैंड करेगा. नासा के मार्स मिशन का नाम है पर्सिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर (Perseverance Mars rover & Ingenuity helicopter). परसिवरेंस मार्स रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है. जबकि, हेलिकॉप्टर 2 किलोग्राम वजन का है. (फोटोः NASA)
मार्स रोवर परमाणु ऊर्जा से चलेगा. यानी पहली बार किसी रोवर में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर उपयोग किया जा रहा है. यह रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक काम करेगा. इसमें 7 फीट का रोबोटिक आर्म, 23 कैमरे और एक ड्रिल मशीन है. ये मंगल ग्रह की तस्वीरें, वीडियो और नमूने लेंगे. (फोटोःNASA)
🏈 TOUCHDOWN PERSEVERANCE!!!
— NASA (@NASA) February 8, 2021
Oh wait, sorry, we got a little carried away there... that's in 11 days. #CountdownToMars with us!
Join in on https://t.co/BoVuItYDNn & watch Feb. 18th to see our @NASAPersevere rover touch down in the #SuperBowl of Mars — Jezero Crater. 🏆 pic.twitter.com/QpaQapLZs6
भारतीय मूल की वनीजा रूपाणी (17) ने हेलिकॉप्टर को इंजीन्यूटी नाम दिया है. हिंदी में इसका मतलब है किसी व्यक्ति का आविष्कारी चरित्र. वनीजा अलबामा नार्थ पोर्ट में हाई स्कूल जूनियर हैं. मंगल हेलिकॉप्टर के नामकरण के लिए नासा ने 'नेम द रोवर' नाम से एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें 28,000 प्रतियोगी शामिल हुए थे. इसमें वनीजा की ओर से सुझाए गए नाम को फाइनल किया गया. (फोटो:NASA)