अमेरिकी और नाटो सैनिकों के अफगानिस्तान से वापसी के साथ ही तालिबान का इस देश में लगातार दबदबा देखने को मिल रहा है. तालिबान के बढ़ते प्रभाव के चलते सबसे ज्यादा अफगानिस्तान की महिलाओं के लिए परेशानियां खड़ी हो रही हैं. द सन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, 'तालिबान के लोग घर-घर जाकर लड़कियां तलाश रहे है और उन्हें सेक्स गुलाम बनाया जा रहा है.' (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के लीडर्स अब अफगानिस्तान की युवतियों का अपहरण करने और उनके साथ जबरदस्ती शादी कर सेक्स गुलाम बनाने का काम भी कर रहे हैं. तालिबान की ये हरकत इराक और सीरिया में मौजूद इस्लामिक स्टेट की क्रूरता से मिलती जुलती है जो महिलाओं को सेक्स गुलाम बनाने के लिए कुख्यात हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
पिछले महीने ही द सन की रिपोर्ट में सामने आया था कि तालिबान ने कब्जे वाले इलाके के सभी इमामों से वहां 15 साल से ऊपर की लड़कियों और 45 साल की उम्र से कम की विधवाओं की लिस्ट तालिबान को सौंपने को कहा था ताकि तालिबान अपने लड़ाकों की शादी इन महिलाओं से करा सके. लेकिन अब रिपोर्ट्स में सामने आया है कि तालिबान जोर-जबरदस्ती और किडनैपिंग के सहारे अफगानिस्तान की महिलाओं को उठा रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले के साथ ही तालिबान के कब्जे वाले क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए काफी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं और शरीया कानून के चलते उनकी आजादी पर प्रतिबंध लग सकता है. शरीया कानून के मुताबिक महिलाएं बिना किसी पुरुष के बाहर नहीं निकल सकती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
इस मामले में बात करते हुए अफगानिस्तान हाई काउंसिल फॉर नेशनल रिकन्सिलिएशन की सदस्य फारुखंदा जाहरा नादेरी ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि मेरा सबसे बड़ा डर है कि तालिबानी अब लीडरशिप में बैठी महिलाओं को घेरने और उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर वे इन महिला लीडर्स को नुकसान पहुंचाते हैं तो आखिर महिलाओं के हक के लिए और उनके अधिकारों के बारे में कौन बात करेगा? 20 साल की प्रोग्रेस को कौन बचाएगा? (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty images)
इससे पहले तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान के एक जिले पर कब्जा जमाने के बाद स्थानीय इमाम को एक पत्र के जरिये अपना पहला आदेश जारी किया था. एएफपी रिपोर्ट के अनुसार, इस फरमान में कहा गया था कि महिलाएं मर्दों के बिना बाजार नहीं जा सकती हैं, और पुरुषों को अपनी दाढ़ी रखनी है. तालिबान ने सिगरेट, बीड़ी पीने पर भी रोक लगा दी थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
इसके अलावा महिलाओं के लिए हिजाब पहनना भी अनिवार्य होगा. जब तक स्कूल में टीचर महिला ना हो तब तक छात्राएं स्कूल नहीं जा सकती हैं. तालिबान का ये भी कहना है कि कोई भी नियम तोड़ने पर गंभीर सजा भुगतने के लिए लोगों को तैयार रहना चाहिए. बता दें कि तालिबान के दबदबे के बीच कई अफगानी महिलाएं अफगानिस्तान छोड़कर भी जा रही हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty images)
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में सेना और तालिबान के बीच देशभर में संघर्ष देखने को मिल रहा है. तालिबान के दावे के मुताबिक बीते दिनों में आठ प्रांतों की राजधानियां उनके कब्जे में आ चुकी हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान आने वाले चंद दिनों में कई अहम शहरों पर कंट्रोल जमाने की फिराक में है. अफगानिस्तान के लोकप्रिय क्रिकेटर राशिद खान ने भी अपने ट्वीट के सहारे लोगों से और ग्लोबल लीडर्स से अपील की है कि परेशानी भरे माहौल में उनके देश को सपोर्ट किया जाए. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)