जर्मनी में एक जगह है प्रशा जहां एक वक्त ऐसा था जब काम पर नहीं बल्कि लंबाई के हिसाब से वहां कुछ लोगों को सैलरी मिला करती थी. अब आप सोच रहे होंगे कि सैलरी कम या ज्यादा काम और काबिलियत के बलबूते मिलती है लेकिन वहां एक ऐसा सनकी राजा था जो ज्यादा लंबाई वाले पुरुषों को ज्यादा सैलरी और कम लंबाई वालों को कम सैलरी दिया करता था.
प्रशा पहले एक अलग राज्य हुआ करता था लेकिन साल 1932 में इसका जर्मनी में विलय हो गया. इस राज्य में कई राजा हुए लेकिन उनमें से एक ऐसे भी हुए जिन्हें इस सनकपन के लिए आज भी याद किया जाता है. इस राजा का नाम था फ्रेडरिक विलियम जो जनता में तो काफी लोकप्रिय और न्यायप्रिय थे लेकिन उन्हें लंबे लोगों से ज्यादा प्यार था.
फ्रेडरिक को अपनी सेना के विस्तार का बहुत शौक था और उन्होंने इसे 38 हजार से बढ़ाकर 83 हजार कर लिया. सेना में वो लंबे लोगों को ज्यादा तरजीह देते थे और दूसरों के मुकाबले उन्हें सैलरी भी ज्यादा दी जाती थी. फ्रेडरिक को सेना में लंबे कद से इस कदर प्रेम था कि उन्होंने इसके लिए एक अलग ही रेजिमेंट बना दी थी.
राजा के उस प्रिय रेजीमेंट में भर्ती की सिर्फ एक ही शर्त थी. वो शर्त थी कि सेना में शामिल होने वाले जवान की लंबाई 6 फीट से ज्यादा होनी चाहिए. पूरे यूरोप से उस वक्त लंबे-लंबे जवानों को सेना में शामिल किया गया और दूसरों के मुकाबले उन्हें सबसे ज्यादा सैलरी दी जाती थी.
दिलचस्प बात यह है कि फ्रेडरिक को लंबे सैनिकों का जितना शौक था वो उतना ही युद्ध से दूरी बनाए रखना चाहता था. फ्रेडरिक को युद्ध बिल्कुल भी पसंद नहीं था और वो किसी से भी लड़ाई नहीं चाहता था.