कोरोना के बढ़ते संक्रमण और रौद्र रूप को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन की अफवाह से लोग डरे हुए हैं. खासकर मजदूर तबका इसको लेकर ज्यादा चिंतित नजर आ रहा है और बीते साल के हालात को याद करके वो इस बार जल्द से जल्द अपने घर पहुंच जाना चाहते हैं. ऐसे ही एक डरे हुए मजदूर के परिवार ने जुगाड़ ठेला गाड़ी से अपने घर भागलपुर तक का सफर करने का फैसला किया और वो बीते 9 दिनों की यात्रा के बाद बिहार सीमा तक पहुंच पाए.
एक बार फिर से देश में लॉकडाउन लगने के दहशत में उचित सिंह अपने परिवार के साथ ठेला गाड़ी से बिहार के भागलपुर के लिए निकल गए और 9 दिनों तक चलने के बाद भी वो बिहार के मोहनिया ही पहुंच पाए हैं. उचित सिंह बिहार के भागलपुर जिले के रहने वाले हैं और उनका घर नवगछिया में है.
मजदूर उचित सिंह अपने परिवार के साथ पिछले डेढ़ साल से कानपुर में दाना फैक्ट्री में काम करते थे. दरअसल उन्हें वहां किसी ने बता दिया कि 2 मई को कानपुर में लॉकडाउन लगा दिया जाएगा, जिसके बाद वो बेहद परेशान हो गए. पिछले साल लॉकडाउन की परिस्थितियों को याद करके हुए उन्होंने इस बार सोचा देर ना हो जाए इसलिए वो 23 अप्रैल को ही कानपुर से निकल गए.
वह घर का सारा सामान एक जुगाड़ ठेला गाड़ी पर बांधकर अपनी पत्नी के साथ 23 अप्रैल को कानपुर से निकल गए. 9 दिनों तक चलने के बाद उस जुगाड़ ठेला गाड़ी की मदद से वो मोहनिया पहुंचे. हालांकि उन्हें नवगछिया तक पहुंचने में अभी भी कई दिनों तक सफर करना होगा.
मजदूर उचित सिंह ने बताया कि 23 अप्रैल को कानपुर से निकलने के बाद रास्ते में जहां रात हो जाती है वहीं गाड़ी रोक कर खाना बनाकर खाकर सो जाते हैं फिर सुबह होते ही हम लोग अपने घर के लिए चल देते हैं. उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं सरकार बिहार में ही कोई रोजगार उन्हें दे दे जिससे उन्हें दूसरे राज्य ना जाना पड़े.