नीरजा का आरोप है कि उनका कानपुर में घर है. बच्चे पढ़ते हैं इसलिए यहां ट्रांसफर के लिए अधिकारियों, मंत्रियों सबसे गुजारिश की लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. अब वह लाचारी भरी जिंदगी बिता रही हैं. सरकार और प्रशासन ने पैसे और नौकरी देकर अपने दायित्व से पीछा छुड़ा लिया है.