शांता पंवार का कहना है कि वो यहां पिछले 52 दिन से रोज काम कर रही हैं. उनकी एक तीन साल की बेटी है. जो घर आने के लिए कहती है, मुझे भी उसकी रोज याद आती है. ऐसा हालात में मिलना बहुत मुश्किल हो रहा है. इसलिए हम वीडियो कॉल पर बात कर लेते है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि मेरी सासू मां मेरी बेटी का बहुत ध्यान रखती हैं और हिम्मत देती हैं. क्योंकि इस समय मेरी जरूरत अस्पताल को सबसे ज्यादा है.
(Photo Aajtak)