जब आजतक के एक क्राइम शो में पवन जल्लाद से यह पूछा गया था कि डमी एक्जीक्यूशन होता क्या है? इस पर पवन ने कहा था, " जब फांसी की तारीख तय हो जाती है, तो हमें ट्रायल के लिए बुलाया जाता है. रस्से का ट्रायल किया जाता है. जितने वजन के आदमी को फांसी देनी होती है, उतने वजन की मिट्टी एक बोरे में भरी जाती है. फिर बोरे में गला बनाया जाता है. उसके बाद बोरे को तख्ते पर रख दिया जाता है. बोरे में जो गला जैसा बनाया था, उसमें रस्से को डाल दिया जाता है और बोरे को टांग दिया जाता है."