नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एक बार कुछ पत्रकारों को ऑन रिकॉर्ड यह बताया था कि उनकी सेहत का राज हिमाचल प्रदेश का मशरूम है. जानें इसके बारे में...
पीएम मोदी मशरूम की जिस प्रजाति को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं, उसे 'गुच्छी' कहते हैं और यह हिमालय के पहाड़ों पर पाया जाता है.
इसका उत्पादन नहीं किया जा सकता और इसे प्राकृतिक रूप से ही हासिल किया जाता है. यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचे पहाड़ों पर जंगलों में पाया जाता है और बर्फ के बढ़ने और पिघलने के बीच के दौर में ही उगता है.
अब चूंकि यह बहुत कम पाया जाता है, इसलिए इसकी कीमत कभी-कभी 30,000 रुपये किलो तक पहुंच जाती है. हालांकि एक किलो में काफी मशरूम आ जाता है, क्योंकि यह सूखने पर बिकता है.
औसतन देखें तो गुच्छी मशरूम 10,000 रुपये किलो मिल जाता है. हालांकि यदि पहाड़ों पर आपकी जान-पहचान है तो यह काफी सस्ता भी मिल सकता है.
असल में पीएम मोदी ने कई साल तक एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में हिमाचल में रहकर काम किया है, इसलिए वहां के ऊंचे पहाड़ों पर उनके कई मित्र हैं. उन्हें मशरूम इसलिए भा गया, क्योंकि पहाड़ों पर शाकाहारी लोगों को काफी प्रोटीन और गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों की जरूरत होती है.
वैसे तो पीएम इसे रोज नहीं खाते, लेकिन उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि गुच्छी मशरूम उन्हें काफी पसंद है. वे खुद तो इसे खाते ही हैं, मेहमानों को भी खिलाना पसंद करते हैं. इसमें बी कॉम्प्लैक्ट विटामिन, विटामिन डी और कुछ जरूरी एमीने एसिड पाए जाते हैं. इसे लगातार खाने से दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बहुत ही कम हो जाती हैं. इसकी मांग सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि यूरोप, अमेरिका, फ्रांस, इटली और स्विटरलैंड जैसे देशों में भी है.