गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. इसमें खास तरह का क्लीनिक भी शामिल है. इस क्लीनिक में डॉक्टर पुलिस वाले ही हैं, क्लीनिक के मरीज तलाक मांगने वाले पति-पत्नी हैं, जो एक दूसरे के साथ रहना ही नहीं चाहते हैं.
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पुलिस का फैमली डिस्प्यूट रिसोल्यूशन क्लीनिक रिश्तों में आई दरार के अंदर भरोसे के रंग भर रहा है. यहां पर पति पत्नी की काउंसलिंग की जाती है एक दूसरे के लिए विश्वास पैदा किया जाता है. मजेदार बात यह है कि दवा के तौर पर इन मरीजों को पुलिस वाले डॉक्टर परिवार जोड़ने की खुशी के मौके पर केक और मिठाइयां खिलाते हैं.
(फोटो- तनसीम हैदर)
डीसीपी वीमेन सेल वृंदा शुक्ला ने बताया कि इस क्लीनिक के माध्यम से गौतमबुद्ध नगर पुलिस पारिवारिक विवाद सुलझाने का काम करवा रही है. यह क्लीनिक शानदार काम कर रहा है और लगातार नई मिसाल कायम कर रहा है. इस क्लीनिक में अब तक यानी 8 महीने में 471 परिवारों और उनके रिश्तों को टूटने से बचाया है. दहेज और पारिवारिक विवाद से जुड़ी दर्जनों एफआईआर पहले लिखी जाती थीं उनमें बेहद गिरावट आई है और एफडीआरसी के चलते 8 महीने में महज 15 एफआईआर दर्ज करने की जरूरत पड़ी है.
(फोटो- तनसीम हैदर)
इस अनोखी कोशिश के बारे में गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह का कहना है कि परिवार समाज का सबसे बड़ा हिस्सा है और अच्छे समाज के लिए स्वस्थ परिवार की बड़ी जरूरत भी है. छोटी-छोटी गलतफहमियां परिवारों को बिखेर देती हैं. पति-पत्नी के बीच कम्युनिकेशन गैप पैदा हो जाता है. हमारा "फैमिली डिस्प्यूट रिसोल्यूशन क्लीनिक" रिश्तों को कायम कर रहा हैं उन्हें टूटने से बचा रहा है.
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फैमिली डिस्प्यूट रिसोल्यूशन क्लीनिक पुलिस उपायुक्त महिला एवं बाल सुरक्षा वृंदा शुक्ला की निगरानी में काम कर रहा है. गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद महिला सुरक्षा के लिए अलग वर्टिकल खड़ा किया गया है. गौतमबुद्ध नगर पुलिस के इस क्लीनिक में पुलिस अफसरों के अलावा मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, डॉक्टर और समाजशास्त्री शामिल हैं.
(Photo: Pinterest/Greta Bienati)