पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत अब देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस (Chief of Defence Staff - CDS) नियुक्त किए गए हैं. जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर 2019 से प्रभावी हो चुकी है. जनरल रावत 2016 में भारतीय सेना के प्रमुख बनाए गए थे. अब बतौर सीडीएस जनरल रावत क्या करेंगे? क्या होगा उनका काम? क्या काम वो नहीं कर पाएंगे? आइए जानते हैं सीडीएस जनरल रावत की ताकतों के बारे में...
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ये काम करेंगे सीडीएस जनरल रावत
रक्षा विशेषज्ञ मारूफ रजा ने Aajtak.in से विशेष बातचीत में देश के पहले सीडीएस जनरल रावत के संभावित कामों और ताकतों के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि जनरल रावत का सबसे पहला और प्रमुख काम होगा तीनों सेनाओं के बीच समन्वय स्थापित करना. इसके अलावा कुछ और भी काम वे करेंगे जो निम्नलिखित हैं.
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रक्षामंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार होंगे
जनरल रावत बतौर सीडीएस रक्षामंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार होंगे. तीनों सेनाओं के मामले उनके पास होंगे. साथ ही डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) और डिफेंस प्लानिंग कमीशन (DPC) जैसे समूहों में उनका पद होगा. इसके अलावा सैन्य मामलों के विभाग (DMA) के सचिव होंगे.
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जनरल रावत 65 साल में रिटायर होंगे
जनरल रावत अन्य सेनाध्यक्षों की तरह 62 साल की उम्र में रिटायर नहीं होंगे. वे 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे. लेकिन वेतन और सुविधाएं उन्हें अन्य सेना प्रमुखों की तरह मिलेंगी.
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सैन्य उपकरणों, हथियारों की खरीद का रास्ता खोलेंगे
जनरल रावत तीनों सेनाओं के लिए संयुक्त खरीद, सैन्य उपकरणों और हथियारों का रास्ता खोलने में मदद करेंगे. साथ ही नई रिक्तियों आदि को लेकर योजनाओं को लागू करने में मदद करेंगे.
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थियेटर कमांड की स्थापना करने में मदद करेंगे
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत देश में थियेटर कमांड की स्थापना करके सैन्य कमांड्स के पुनर्गठन को सुगम बनाएंगे. देश में अभी अंडमान-निकोबार में थियेटर कमांड है. इसके तहत देश में मौजूद 17 कमांड्स को चार या पांच कमांड में बदलने की कोशिश करेंगे.
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साइबर, स्पेस कमांड के प्रमुख और NCA के सलाहकार
जनरल रावत अंतरिक्ष, साइबर, स्पेशल फोर्स कमांड, ट्राई-सर्विस कमांड आदि के प्रमुख होंगे. इसके अलावा चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थाई अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा एटॉमिक कमांड अथॉरिटी (NCA) के सैन्य सलाहकार रहेंगे.
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तीनों सेनाध्यक्षों की तरह ऑपरेशनल फैसले नहीं लेंगे
रक्षा विशेषज्ञ मारूफ रजा ने बताया कि जनरल रावत डीआरडीओ, रक्षा उत्पादन, पूर्व सैनिक कल्याण जैसे विभागों के पांचवें सचिव होंगे. लेकिन तीनों सेनाध्यक्षों की तरह सेना को लेकर ऑपरेशनल फैसले नहीं ले सकेंगे.
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कोई व्यक्तिगत कमांड या सर्विस नहीं होगी
मारूफ रजा ने कहा कि जनरल रावत के पास कोई व्यक्तिगत कमांड या सर्विस नहीं होगी. जैसे अभी तक उनके पास सेना का कमांड था. लेकिन, वे व्यक्तिगत सेवाओं और उनके मुद्दों को देखेंगे.
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तीनों सेना प्रमुखों को कोई आदेश नहीं देंगे
देश के पहले सीडीएस जनरल रावत तीनों सेनाध्यक्षों को कोई आदेश नहीं देंगे. वे सिर्फ सलाह दे सकते हैं. वे तीनों सेना प्रमुखों के अधिकारी नहीं होंगे.
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सैन्य पूंजी अधिग्रहण में बाधा नहीं डालेंगे
जनरल रावत सेनाओं के लिए होने वाले नए पूंजी अधिग्रहण को रोक नहीं पाएंगे. न ही इसमें किसी प्रकार की रुकावट पैदा करेंगे. लेकिन अपनी सलाह दे सकते हैं.