कुछ समय पहले तक इसके पास लगी सीमेंट की फैक्ट्ररियां बोरवेल से पानी निकाल रही थीं, जिससे जमीनी पानी का स्तर घटा और सरोवर सूखने की कगार पर था. फिर सिंध के हिंदुओं की याचिका पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने सरोवर को ठीक करने के आदेश दिए. फैक्ट्ररियों पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.