काशी-महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन में भगवान शिव के लिए छोड़ी गई एक सीट (मंदिर) पर बवाल मचने के बाद अब शिव मंदिर को पेंट्रीकार में शिफ्ट कर दिया गया है. आज ट्रेन के कमर्शियल रन के दौरान ट्रेन के स्टाफ ने पेंट्रीकार में पूजा-अर्चना की.
हाल ही में काशी-महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हरी झंडी दिखाई थी. उस वक्त यह बात सामने आई थी कि काशी-महाकाल एक्सप्रेस की बोगी नंबर बी-5 में सीट नंबर 64 पर भगवान महाकाल (शिव) का मंदिर बनाया गया है.
सीट पर शिव का मंदिर बनाए जाने की बात सामने आने के बाद इस मुद्दे ने राजनीतिक तूल पकड़ा. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने धर्मनिरपेक्षता का हवाला देते हुए इस पर सवाल भी उठाया. ओवैसी ने इस पर आपत्ति जताते हुए पीएमओ को टैग संविधान की प्रस्तावना की एक तस्वीर ट्वीट की थी.
वहीं, बवाल बढ़ने के बाद इस मामले में IRCTC ने कहा था कि यह व्यवस्था केवल काशी-महाकाल एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा के लिए ही था. रेलवे की यह परियोजना सफल हो इसके लिए भगवान शिव के लिए एक सीट आरक्षित की गई थी. लेकिन अब शिव मंदिर को पेंट्रीकार में शिफ्ट कर दिया गया है.
मालूम हो कि महाकाल एक्सप्रेस में धार्मिक यात्रियों का खास ख्याल रखा गया है. इसमें चलने वाले यात्रियों के मनोरंजन और अध्यात्मिक अहसास के लिए भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया गया है.
वाराणसी से इंदौर के बीच 20 फरवरी से चलाई जाने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस में आठ अलग-अलग तीर्थस्थलों के लिए पैकेज भी होगा. इसके अंतर्गत वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, इंदौर, उज्जैन, भोपाल के धार्मिक व पर्यटन स्थलों के लिए आईआरसीटीसी ने एक पैकेज भी तैयार किया है.