पृथ्वी पर जल्द एलियन का हमला हो सकता है. एक वैज्ञानिक ने ऐसा ही दावा किया है. उनका कहना है कि इसलिए लोग 29 अक्टूबर से पहले छुट्टियां ले लें. क्योंकि इसके बाद क्या होगा, कोई कुछ नहीं कह सकता. (Photo - AI Generated)
बस कुछ दिनों बाद ही धरती पर एलियन शिप उतरेंगे और स्टार वार शुरू हो जाएगा. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर और वैज्ञानिक ने ऐसा ही दावा किया है. उन्होंने तो यहां तक दावा किया है कि 29 अक्टूबर से पहले लोग अपनी छुट्टियां ले लें और मौज-मस्ती कर लें. इसके बाद मौका नहीं मिलेगा. क्योंकि, फिर एलियन धरती पर हमला कर देंगे. (Photo - AI Generated)
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई से ही दूरबीनें मैनहट्टन आकार की एक रहस्यमयी वस्तु पर नजर रख रही हैं, जो अंतरिक्ष में तेजी से घूम रही है. एक वैज्ञानिक का मानना है कि यह पृथ्वी पर हमला करने वाली कोई एलियन तकनीक हो सकती है. (Photo - AI Generated)
एक वैज्ञानिक ने मनुष्यों को चेतावनी दी है कि वे महीने के अंत से पहले ही छुट्टियां मना लें - क्योंकि एलियन हमला नजदीक है. हार्वर्ड के खगोलशास्त्री एवी लोएब का मानना है कि पृथ्वी की ओर बढ़ रहा एक विशालकाय पिंड वास्तव में एक एलियन अंतरिक्ष यान हो सकता है. (Photo - AI Generated)
हमारे सौर मंडल से गुजरती रहस्यमयी इंटरस्टेलर, जिसका नाम 3I/ATLAS है, पहली बार 1 जुलाई को देखा गया था और ज़्यादातर वैज्ञानिक इसे एक धूमकेतु मान रहे हैं. लेकिन प्रोफ़ेसर लोएब, जो इस वस्तु पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि यह हमें बचाने या नष्ट करने का प्रयास हो सकता है. (Photo - AI Generated)
प्रोफेसर लोएब ने चेतावनी दी कि अगर यह वस्तु कोई एलियन यान है, तो 29 अक्टूबर को जब यह सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचेगा, तो यह हमारे ग्रह पर अचानक हमला कर सकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आप छुट्टी लेना चाहते हैं, तो उस तारीख से पहले ले लीजिए. क्योंकि कौन जानता है कि आगे क्या हो जाए. (Photo - AI Generated)
उन्होंने पहले इसकी पिछले ओरबिट यानी रास्ते की गणना के आधार पर भविष्यवाणी की थी कि यह 21 नवम्बर से 5 दिसम्बर के बीच पृथ्वी पर पहुंच सकता है. यह विशालकाय पिंड, जिसका आकार मैनहट्टन जितना है और जिसका वजन अनुमानतः 33 बिलियन टन है, पिछले इंटरस्टेलर पिंडों की तुलना में लगभग दोगुनी गति से यात्रा करता है. (Photo - AI Generated)
टेलीस्कोप से मिले चित्र दर्शाते हैं कि यह प्रति सेकंड चार ग्राम निकेल उत्सर्जित कर रहा है. इसमें लोहे का कोई प्रमाण नहीं है, जो एक ऐसी मिश्र धातु है जो प्रकृति में पहले कभी नहीं देखी गई और धूमकेतुओं में भी इसके बारे में नहीं सुना गया. (Photo - AI Generated)
प्रोफेसर लोएब ने न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया कि इसका अंतिम परिणाम निकेल टेट्राकार्बोनिल नामक मिश्रधातु है, जिसे पहले केवल मानव निर्माण में ही देखा गया था. उन्होंने कहा कि केवल एक ही जगह है जहां इसके अस्तित्व के बारे में जाना जाता है और वह है औद्योगिक रूप से उत्पादित निकल मिश्रधातुएं. (Photo - AI Generated)
ऐसा किसी अन्य वस्तु में कभी नहीं देखा गया. यह एक ऐसी प्रक्रिया थी जिसकी हम कल्पना केवल इसलिए कर सकते हैं क्योंकि इसका उपयोग उद्योग में किया गया था. धूमकेतुओं में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया है. (Photo - AI Generated)
प्रोफेसर लोएब, जो हार्वर्ड में सैद्धांतिक भौतिकी पढ़ाते हैं और खगोल भौतिकी केंद्र के निदेशक हैं, लंबे समय से इस बात पर अड़े हुए हैं कि 3I/ATLAS के बारे में कुछ बातें सही नहीं हैं. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री क्रिस लिनटॉट ने उनके दावों को बेतुकी बकवास बताकर खारिज कर दिया है. जिन्होंने एलियन जांच सिद्धांत को इस वस्तु को समझने के लिए चल रहे रोमांचक कार्य का अपमान बताया है. (Photo - AI Generated)