अमेरिका में साइंटिस्ट्स को पहली बार कोरोना वायरस में एक खास तरह का म्यूटेशन देखने को मिला है. एरिजोना में एक मरीज के कोरोना वायरस सैंपल की जांच में पाया गया कि वायरस के जेनेटिक मैटेरियल का एक हिस्सा गायब है.
वायरस के जेनेटिक मैटेरियल गायब होने की ऐसी ही घटना 2003 में सार्स महामारी के फैलने के बाद देखने को मिली थी. इसके बाद धीरे-धीरे सार्स महामारी खत्म होने लगी थी.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, वायरस में साइंटिस्ट्स को जो बदलाव देखने को मिला है उससे यह भी संकेत मिलता है कि इंसानों में वायरस संक्रमण कमजोर पड़ रहा है. हालांकि, इसके लिए अन्य जगहों के सैंपल में भी ऐसे बदलाव दिखने की जरूरत है.
सार्स के दौरान 2003 में जब वायरस का इसी तरह का म्यूटेशन बढ़ने लगा था तो महामारी खत्म होने लगी था. हालांकि, सार्स इतने बड़े पैमाने पर दुनियाभर में नहीं फैला था.
एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का मानना है कि अगर बड़े पैमाने पर वायरस का Genome Sequencing किया जाए तो ऐसे परिणाम और जगहों से भी मिल सकते हैं.
कोरोना वायरस के मामले फिलहाल पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक कुल 36 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 2 लाख 57 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है.
सिर्फ अमेरिका में 12 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 71 हजार से अधिक लोगों की अमेरिका में मौत हो गई है.