पिछले एक साल से भी अधिक समय से पूरी दुनिया में कहर मचा रहे कोरोना वायरस की जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. डब्लयूएचओ की एक टीम चीन के वुहान शहर में इस वायरस के अस्तित्व की जांच करने के लिए निकली थी लेकिन अब तक इन लोगों को चीन आने की परमिशन नहीं मिल पाई है.
डब्ल्यूएचओ के दो विशेषज्ञ पहले से ही इस यात्रा के लिए निकल चुके थे जिनमें से एक विशेषज्ञ वापस अपने घर के लिए निकल चुका है वही दूसरे साइंटिस्ट फिलहाल एशिया के किसी देश में रह रहे हैं. डब्लयूएचओ का कहना है कि ये दिक्कत वीसा क्लीयरेंस के चलते आ रही है.
डब्ल्यूएचओ चीफ का कहना था कि चीनी सरकार के साथ हुए समझौते के बाद इंटरनेशनल साइंटिफिक टीम के सदस्य अपने-अपने देशों से चीन के लिए निकल चुके थे लेकिन वे इस बात से बेहद निराश हैं कि चीन के अधिकारियों ने अब तक इस जरूरी परमिशन्स को फाइनल नहीं किया है. हालांक उन्होंने ये भी उम्मीद जताई कि चीन जल्द ही इस मामले को निपटा लेगा.
डब्ल्यूएचओ पिछले कुछ महीनों से 10 अंतराष्ट्रीय विशेषज्ञों को चीन भेजने की तैयारी कर रहा है ताकि कोरोना वायरस के अस्तित्व के बारे में पता लगाया जा सके और ये जाना जा सके कि आखिर जानवरों से इंसानों में ये खतरनाक वायरस ट्रांसफर कैसे हुआ. चीन और डब्ल्यूएचओ के समझौते के बाद पिछले महीने ही ये घोषणा की गई थी कि इस वायरस की जांच जनवरी 2021 में की जाएगी.
दिसंबर 2020 में लंबे समय बाद चीन ने डब्लयूएचओ को अपने देश में आकर जांच करने को लेकर समझौता किया था. ये वायरस वुहान शहर में सबसे पहले नवंबर-दिसंबर 2019 में सामने आया था. हालांकि कुछ ऐसी खबरें भी थीं कि ये वायरस चीन से पहले सितंबर 2019 में इटली में पाया गया था. बता दें कि इस वायरस के चलते दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं को तगड़ा झटका लगा है.