इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है और इस जानलेवा वायरस से अब तक करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. लेकिन इन सबसे बेखौफ हो कर थाईलैंड के एक गांव में लोग चमगादड़ों के रहने वाले अंधेरे गुफा से निडरता के साथ बैट गुआनों (चमगादड़ की बीट) निकालने में व्यस्त हैं.
जबकि कई वैज्ञानिक इन चमगादड़ों से ही कोरोना वायरस के पनपने की आशंका जता चुके हैं. फिर भी थाइलैंड के एक गांव में ग्रामीण एक पोषक तत्व से भरपूर फसल उर्वरक के रूप में बैट गुआनो के लिए एक अंधेरी गुफा की खाक छान रहे हैं.
गांव वाले वैज्ञानिकों के उस सुझाव से अनभिज्ञ हैं जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस के पीछे उसी गुफा में रहने वाले चमगादड़ हो सकते हैं जिसने दुनिया भर में 150,000 से अधिक लोगों को संक्रमित कर दिया है.
पिछले साल के अंत में चीन में कोरोना वायरस के उभरने के बाद वायरस का स्रोत बहस का विषय बना हुआ है, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह मनुष्यों के पास जाने से पहले चमगादड़ में उत्पन्न हो सकता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि किसी अन्य जानवर के माध्यम से यह वायरस स्थानांतरित हो सकता है.
वैज्ञानिकों का यह दावा थाईलैंड के पश्चिमी प्रांत रत्चबुरी में गुफा में उस उर्वरक की तलाश करने वाल शख्स जय येवम के लिए चिंता का विषय नहीं है. उन्होंने कहा, "नहीं, मैं चिंतित नहीं हूं क्योंकि वायरस यहां से उत्पन्न नहीं हुआ है."
उन्होंने बताया कि वो अंधेरा होने के बाद काम शुरू करते हैं, जब लाखों चिड़चिड़े चमगादड़ भोजन के शिकार करने के लिए गुफा से बाहर निकलते हैं. उनमें से जो उर्वरक वो दशकों से इकट्ठा कर रहे हैं उसके प्रत्येक बाल्टी के लिए वो एक डॉलर से कुछ कम पैसा कमाते हैं. उनका कहना है कि उन्हें इससे कभी भी कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई है. (सभी फोटो- रायटर्स)