23 जुलाई को शुरु होने जा रहे टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में कोरोना से बचाव के लिए कई तरह के उपाय किए गए हैं और इनमें से एक तरीका सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. दरअसल टोक्यो के खेल गांव में एंटी सेक्स बेड बनाए गए हैं ताकि खिलाड़ी इंटीमेट ना हों और सोशल डिस्टैंसिंग बनी रहे. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
इन एंटी-सेक्स बेड की खासियत ये है कि ये कार्डबोर्ड के बने हुए हैं और इन्हें कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये सिर्फ एक ही शख्स के वजन को संभाल सकते हैं और ज्यादा लोगों के बेड पर बैठने से इसके टूटने का खतरा बना रहता है. इसका मकसद खिलाड़ियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना है.
अमेरिका के स्प्रिंटर और रियो ओलंपिक में सिल्वर हासिल करने वाले पॉल चेलिमो ने इसी मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है. उन्होंने इस बेड की तस्वीरें पोस्ट की और लिखा कि टोक्यो ओलंपिक विलेज में कुछ ऐसे बेड्स लगाए जाएंगे जिन्हें कार्डबोर्ड का बनाया गया है. (फोटो क्रेडिट: getty images)
उन्होंने इसके अलावा एक और ट्वीट में कहा- मुझे लगता है कि अब मुझे जमीन पर सोने की भी प्रैक्टिस कर लेनी चाहिए क्योंकि अगर मेरा बेड टूटता है तो मेरी जमीन पर सोने की ट्रेनिंग ही मेरे काम आएगी. टोक्यो के लिए जाते वक्त इस चीज से और ज्यादा तनाव बढ़ रहा है. (फोटो क्रेडिट: getty images)
इस मामले में एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि ये बेहद बचकाना है. वे एडल्ट हैं और वे अपने फैसले खुद ले सकते हैं और अगर आपको वायरस का इतना ही खतरा था और सोशल डिस्टैंसिंग से इतना ही लगाव था तो ये ओलंपिक्स कराना ही नहीं चाहिए था. वही एक शख्स का कहना था कि एंटी सेक्स बेड बना लिए लेकिन फ्लोर और बाथरूम का क्या?
वही कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इस कदम की प्रशंसा की है. एक शख्स ने सोशल मीडिया पर लिखा- सब जानते हैं कि किसी भी देश में ओलंपिक्स खत्म होने के बाद उस देश के हालात कैसे होते है जिन्हें साफ कराने में सरकारों को काफी पैसा बहाना पड़ता है. इकोलॉजिकल तौर पर देखा जाए तो ये अच्छा कदम है क्योंकि इन बेड्स को रिसाइकिल किया जा सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
गौरतलब है कि टोक्यो 2020 ओलंपिक के आयोजकों ने चार कॉन्डम कंपनियों के साथ डील भी की है. इस डील के मुताबिक, ये कंपनियां एथलीट्स को 1 लाख 60 हजार कॉन्डम्स बांटेंगी. रॉयटर्स के साथ बातचीत में आयोजकों ने कहा कि ये खेलगांव में इस्तेमाल करने के लिए नहीं है बल्कि एथलीट्स इन्हें अपने घर ले जाकर लोगों को सेक्शुएल बीमारियों के बारे में जागरूक कर सकते हैं.