दीपक कुमार नायक ने अपने खोज के माध्यम से बताया कि अतीत में पद्मवती गांव सतपतना का हिस्सा था, अर्थात 7 गांव का गठजोड़. लेकिन 19वीं शताब्दी में एक बाढ़ के कारण धीरे-धीरे पद्मावती गांव ने गहरे जल में समाधि ले ली. इसके बाद यहां के लोग ऊंचे स्थानों पर जा बसे. हालांकि बहुत से लोगों ने उसके चारों ओर अपना डेरा जमाए रखा और वो अंत तक वहीं पर बसे रहे.