देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए 14 अप्रैल तक पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. इस वजह से किसी भी तरह के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसके बाद गरीब मजदूर फैक्ट्री बंद होने के बाद पैदल ही अपने गांव और घर जाने के लिए निकल गए हैं. ये मजदूर सैकड़ों की संख्या में कई सौ किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांव पहुंच रहे हैं. इसी दौरान एक ऐसा हादसा हुआ जिसमें चार मजदूरों की मौत हो गई. (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं)
दरअसल लॉकडाउन होने के बाद मुंबई से कुछ मजदूर पैदल ही अपने घर अहमदाबाद जाने के लिए निकले थे. 21 दिन के लॉकडाउन के बाद से ये सभी सात दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार थे.
शनिवार की सुबह जब ये मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग से गुजर रहे थे तो इसमें से चार मजदूर एक तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आ गए जिसके बाद मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
पुलिस ने इस हादसे को लेकर कहा कि लॉकडाउन होने की वजह से मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर लगे स्ट्रीट लाइट को बंद कर दिया गया था. अंधेरा होने की वजह से ट्रक ड्राइवर सड़क पर चल रहे इन मजदूरों को देख नहीं पाया और उन्हें रौंद दिया.
पुलिस ने बताया कि चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. यह हादसा शनिवार सुबह करीब 3 बजे मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर विरार के पास हुआ.
मांडवी पुलिस चेक पोस्ट के सहायक पुलिस निरीक्षक रंजीत सिंह ने कहा कि विरार पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया, लेकिन चालक फरार हो गया.
मृतकों में से दो की पहचान कल्पेश जोशी (32) और मयंक भट्ट (34) के रूप में हुई जबकि बाकी दो मृतकों की पहचान अभी नहीं हुई है. तीनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिसमें से एक की हालत गंभीर है.
बता दें कि लगभग पूरे देश में मजदूरों की यही स्थिति है. फैक्ट्री और काम बंद होने के बाद से वो बस, ट्रेन नहीं मिलने पर पैदल ही अपने शहर और गांव के लिए निकल गए हैं.
वहीं कोरोना वायरस भारत में तेजी से अपने पैर पसार रहा है. अब तक 930 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है जबकि देश में 23 लोगों की मौत हुई है. वहीं अगर वैश्विक स्तर पर देखें तो इस वायरस ने 28 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है.