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सैर सपाटा

महाराजाओं के शहर में करें सैर, कम बजट में घूमने के लिए बेस्ट बिहार का जिला

History and nature of Darbhanga
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Famous Place visit in Darbhanga: अगर आप इतिहास, आध्यात्म और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत मेल कम खर्च में देखना चाहते हैं, तो बिहार का दरभंगा जिला आपकी अगली यात्रा का बेहतरीन ठिकाना हो सकता है. इसे महाराजाओं का शहर भी कहा जाता है, जहां एक तरफ़ शानदार किले हैं, तो दूसरी तरफ़ रामायण काल से जुड़े मंदिर और प्रवासी पक्षियों का बसेरा. दरभंगा अपनी मिथिला पेंटिंग और भव्य छठ पूजा के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है. आइए जानते हैं दरभंगा के 5 ऐसे ख़ास ठिकानों के बारे में, जहां की यात्रा आपको एक शाही अनुभव देगी.

Photo: tourism.bihar.gov.in

A historical witness from the Ramayana era
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1. अहिल्यास्थान

यह मंदिर गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि यहीं भगवान राम ने अहिल्या को पत्थर से मनुष्य रूप में मुक्त किया था. यह ऐतिहासिक मंदिर कमतौल रेलवे स्टेशन से करीब 3 किमी दूर है और हर साल यहां रामनवमी और विवाह पंचमी पर बड़ा मेला लगता है.

Photo: ITG

Find peace and tantric power amidst the natural greenery
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2. श्यामा काली मंदिर

साल 1933 में स्थापित, यह मंदिर स्थानीय रूप से 'श्यामा माई' के नाम से प्रसिद्ध है और इसे उत्तर बिहार के प्रमुख तांत्रिक मंदिरों में गिना जाता है. कहा जाता है कि यह मंदिर दरभंगा के महाराजा की राख पर बना है और इसके निर्माण में 7 नदियों का जल इस्तेमाल हुआ था. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में स्थित यह मंदिर, अपनी हरियाली और 'श्यामा माई उत्सव' के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता है.

Photo: x.com/ @DEEPNar86649293

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Experience royal history and architecture on a budget
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3. दरभंगा किला

यह खूबसूरत किला, जिसे राज किला भी कहते हैं. कभी यह दरभंगा शाही राजवंश के जमींदारों का महल हुआ करता था. फतेहपुर सीकरी के किले की तर्ज़ पर बने इस विशाल परिसर में आज भी शाही वंश के उत्तराधिकारी रहते हैं. इसके अलावा किला परिसर में राम बाग पैलेस, नागना पैलेस और कंकाली मंदिर जैसे कई महत्वपूर्ण स्थल मौजूद हैं, जो इतिहास प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव है.

Photo: x.com/ @Lil_Gayu

 Rare artifacts and Mithila heritage preserved
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4. चंद्रधारी म्यूजियम

अगर आप इतिहास को जानना चाहते हैं, तो मानसरोवर झील के पूर्वी तट पर स्थित यह म्यूजियम आपके लिए है. 1957 में स्थापित इस संग्रहालय में 11 दीर्घाएं हैं. यहां आपको कांच, हाथी दांत, लकड़ी और मिट्टी से बनी कलाकृतियों के साथ-साथ नेपाल और तिब्बत से लाई गई बुद्ध की मूर्तियां और रामायण पर आधारित अद्वितीय पेंटिंग देखने को मिलेंगी. अगर आप यहां घूमने जा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि यह जगह हर सोमवार को बंद रहती है.

Photo: x.com/ @bisnujha

A haven for migratory birds from Siberia
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5. कुशेश्वरस्थान

यह जगह वन्यजीव प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है. कुशेश्वरस्थान बर्ड सेंचुरी 14 गांवों के क्षेत्र में फैली हुई है, जो प्राकृतिक आर्द्रभूमियों (wetlands) से घिरी है. इसकी खासियत यह है कि हर साल नवंबर से मार्च के बीच साइबेरिया और मंगोलिया जैसे दूर-दराज इलाकों से लगभग 15 दुर्लभ प्रवासी पक्षी यहां आते हैं. इसके अलावा यहां डेलमेटियन पेलिकन और साइबेरियाई क्रेन जैसे सुंदर पक्षियों को नज़दीक से देखा जा सकता है. इस सेंचुरी का नाम पास स्थित कुशेश्वर शिव मंदिर के नाम पर रखा गया है.

Photo: x.com/ @BiharInfraTales

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