सशस्त्र सीमा बल (SSB) भारत की एक प्रमुख अर्धसैनिक बल है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत की सीमाओं की रक्षा करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यह बल विशेष रूप से भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं की निगरानी करता है, जो कि "ओपन बॉर्डर" यानी खुली सीमाएं मानी जाती हैं. SSB भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है.
SSB की स्थापना वर्ष 1963 में भारत-चीन युद्ध (1962) के बाद की गई थी. उस समय इस बल को "Special Service Bureau" कहा जाता था और इसका मुख्य कार्य सीमावर्ती लोगों को प्रशिक्षित करना और युद्ध के समय में उनकी मदद लेना था. वर्ष 2001 में इसका नाम बदलकर "Sashastra Seema Bal" कर दिया गया और इसे एक अर्धसैनिक बल (Paramilitary Force) का दर्जा दिया गया.
SSB का नेतृत्व एक महानिदेशक (Director General) करते हैं. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. SSB के अंतर्गत विभिन्न रैंक होते हैं जैसे- कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट, इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर आदि.
SSB एकमात्र ऐसा बल है जिसे "फ्रेंडली फोर्स" माना जाता है क्योंकि यह खुली सीमाओं पर तैनात है जहां रोज़मर्रा के आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होता.
यह बल महिलाओं को भी बड़ी संख्या में भर्ती करता है और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है. इसके जवानों को पर्वतीय इलाकों, जंगलों और कठिन परिस्थितियों में कार्य करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है.
SSB के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं-
भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं की सुरक्षा- SSB इन सीमाओं की 24x7 निगरानी करता है और अवैध गतिविधियों को रोकता है जैसे- तस्करी, मानव तस्करी, हथियारों की तस्करी आदि.
सीमा क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखना- सीमावर्ती गांवों में SSB का सहयोग पुलिस प्रशासन के साथ भी होता है.
आपदा प्रबंधन में सहायता- प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप आदि के समय SSB बचाव और राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाता है.
सिविक एक्शन प्रोग्राम- बल सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य कैंप, शिक्षा सुविधा, और जागरूकता अभियान चलाता है जिससे स्थानीय लोगों का विश्वास और सहयोग प्राप्त हो सके.
भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर बांग्लादेशी तस्करों ने BSF जवान पर जानलेवा हमला कर दिया. जवाब में जवान ने संयम बरतते हुए सेल्फ-डिफेंस में गोली चलाई और तस्करी की बड़ी कोशिश नाकाम कर दी. इस कार्रवाई में एक तस्कर मारा गया है.