सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) बहुजन समाज पार्टी (BSP) के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता हैं. उनका जन्म 9 नवंबर 1952 को कानपुर में हुआ था. वे एक जाने-माने वकील हैं और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की. वकालत के क्षेत्र में उन्होंने अच्छी पहचान बनाई और जनवरी 1998 से फरवरी 1999 तक उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
राजनीति में उनका सफर 2004 में शुरू हुआ, जब उन्होंने बीएसपी में राष्ट्रीय महासचिव का पद संभाला और उसी वर्ष राज्यसभा सांसद बने. इसके बाद वे लगातार तीन बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए. बीएसपी सुप्रीमो मायावती के सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं और उन्हें पार्टी का प्लान मेकर भी कहा जाता है.
सतीश चंद्र मिश्रा ने बीएसपी को उत्तर प्रदेश में मजबूत बनाने में बहुत अहम भूमिका निभाई है. खासतौर पर साल 2007 में दलित ब्राह्मण वोट बैंक गठजोड़ की रणनीति देकर पार्टी को भारी बहुमत से जीत दिलाने में उनका बड़ी भूमिका रही. वे ब्राह्मण समाज के बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं और पार्टी में ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए "ब्राह्मण भाईचारा सम्मेलन" की शुरुआत की.
वे अपनी बात बेबाकी से रखने और सीधा बोलने के लिए भी जाने जाते हैं. मायावती के सार्वजनिक कार्यक्रमों की योजना और सुरक्षा का काम भी वे देखते हैं. उनकी पार्टी में स्थिति मजबूत रही, लेकिन हाल के वर्षों में उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कयास भी लगाए जा रहे हैं. उनका परिवार भी राजनीतिक और सामाजिक रूप से जुड़ा हुआ है, वे विवाहित हैं और चार बेटियां व एक बेटा है.
संक्षेप में, सतीश चंद्र मिश्रा एक कानपुर के बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता, अनुभवी वकील और रणनीतिकार हैं जिन्होंने बीएसपी की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, खासकर दलित और ब्राह्मण समुदायों के बीच गठबंधन मजबूत करने में. उनकी पार्टी में मायावती पर बहुत भरोसा है और वे बीएसपी के मजबूत स्तंभों में से एक हैं.
रविवार को लखनऊ में बीएसपी प्रमुख मायावती ने बड़ी बैठक की. बताया जा रहा है कि बीएसपी प्रमुख की इस बैठक का मुख्य उद्देश्य देशभर में बसपा के संगठन को मजबूत करना और नए सिरे से रणनीति बनाना है.