रामकृपाल यादव (Ram Kripal Yadav) बिहार की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से 17वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 20 नवंबर 2025 को नीतीश कुमार की सरकार में रामकृपाल यादव कैबिनेट मंत्री बने.
वे कभी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महत्वपूर्ण नेता और लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी थे, बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बिहार में मेयर के रूप में की थी. 2014 से 2019 तक वे केंद्र सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रहे.
राम कृपाल यादव का जन्म 12 अक्टूबर 1957 को हुआ था. उन्होंने मगध विश्वविद्यालय, पटना से कला स्नातक (ऑनर्स) और विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की.
रामकृपाल यादव ने पटना लोकसभा सीट से तीन बार- 1991, 1996 और 2004 में राजद उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता. 2009 में वे पटना से चुनाव नहीं लड़ पाए क्योंकि इस सीट से स्वयं लालू प्रसाद यादव ने चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार मिली. 2014 में पाटलिपुत्र सीट से टिकट न मिलने पर उन्होंने राजद से इस्तीफा दे दिया और मार्च 2014 में भाजपा में शामिल हो गए. उसी वर्ष उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में पाटलिपुत्र से चुनाव जीता और लालू यादव की बेटी मीसा भारती को हराया. इसके बाद उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में 2014-2019 तक ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बनाया गया. उन्होंने 2019 में भी अपनी पाटलिपुत्र सीट पर जीत दर्ज की, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वे हार गए.