नीम करोली धाम (Neem Karoli Dham) भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक और ध्यान स्थलों में से एक है, जो उत्तराखंड के नैनीताल जिले के कैंची गांव में स्थित है. यह स्थान महान संत श्री नीम करोली बाबा (महाराज जी) की तपस्थली रहा है, जिन्हें 20वीं शताब्दी के सबसे सिद्ध और चमत्कारिक संतों में शामिल किया जाता है. बाबा नीम करोली प्रेम, करुणा और सेवा के संदेश के लिए जाने जाते थे. उनके हजारों भक्त भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में हैं. एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग जैसे अनेक प्रसिद्ध लोग भी यहां आकर आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त कर चुके हैं.
कैंची धाम की स्थापना वर्ष 1964 में की गई थी. यह मंदिर पहाड़ों के बीच शांत वातावरण में बना है, जहां बहती नदी और हरे-भरे जंगल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं. हर वर्ष 15 जून को मंदिर में एक विशाल समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं. माना जाता है कि इस दिन बाबा ने पहली बार आश्रम की स्थापना की ऊर्जा को प्रकट किया था. भक्तों का विश्वास है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूर्ण होती है.
नीम करोली धाम केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि आत्मा की शांति, ध्यान और सेवा का केंद्र है. यहां आने वाले भक्त प्रार्थना, भजन, ध्यान और सेवा के माध्यम से दिव्य शांति का अनुभव करते हैं. आश्रम में साधारण परंतु प्रेमपूर्ण वातावरण मिलता है, जहां लोगों को निरहंकार होकर सेवा और भक्ति की सीख दी जाती है. बाबा नीम करोली का संदेश था- “प्रेम ही सब कुछ है, और सेवा ही सबसे ऊंची भक्ति.” यह स्थल आज भी उसी संदेश को जीवंत बनाए हुए है.
Neem Karoli Baba: कैंची धाम वाले नीम करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. उनका मानना था कि ईश्वर की कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं. लेकिन इंसान की कुछ गलतियां ईश्वरीय दृष्टि में रुकावट पैदा करती है. इसलिए ये गलतियां कभी न करें.
Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार कहा जाता है. उन्होंने ब्रह्म मुहूर्त की अद्भुत शक्ति का महत्व बताया था. वे कहते थे कि इस पवित्र समय में किया गया एक विशेष उपाय जीवन में बड़ी सफलता और लाभ दिलाता है.
कुछ समय पहले ही एक इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने बताया था कि वो एक बुरे दौरे से गुजर रहे थे. ये वो वक्त था जब एक बार उनके मन में आया कि अब उन्हें ये प्रोफेशन छोड़ देना चाहिए. तब उन्हें नीम करोली बाबा के कैंची धाम जाने का मौका मिला. और इस एक घटना ने उनका जीवन बदल दिया.