मॉरलिटी पुलिस (Morality Police) एक इस्लामिक धार्मिक पुलिस है, जिसे शरिया पुलिस के रूप में भी जाना जाता है. यह इस्लामिक वाइस स्क्वाड पुलिस एजेंसियां हैं, जो ज्यादातर इस्लामिक देशों में होती हैं. जो शरिया की व्याख्या के आधार पर धार्मिक पालन और सार्वजनिक नैतिकता को लागू करती हैं.
मॉरलिटी पुलिस बल, पहली बार 1970 के दशक के अंत में ईरानी क्रांति के बाद स्थापित किए गए थे. पहले इसे एक सामाजिक-धार्मिक मामला माना जाता था और इसे नागरिक कानूनों के आवेदन या अधिक अनौपचारिक माध्यम से लागू किया जाता था (Morality Police Formation).
मॉरलिटी पुलिस की शक्तियां और जिम्मेदारियां देश के अनुसार अलग-अलग होती हैं. यह पुलिस बल चोरी-डकैती या हत्या जैसे अपराधों के खिलाफ काम नहीं करता, बल्कि इसके विपरीत, मॉरलिटी पुलिस, शराब की खपत को रोकने, महिलाओं का संगीत बजाना और प्यार का सार्वजनिक प्रदर्शन, वेलेंटाइन डे या क्रिसमस जैसी पश्चिमी प्रथाओं पर अधिक काम करती है. साथ ही, यह सुनिश्चित करता है कि महिलाएं और पुरुष इस्लामी ड्रेस कोड का पालन करें (Morality Police Power and Responsibility).
16 सितंबर 2022 को ईरान में, मॉरलिटी पुलिस ने हिजाब न पहनने पर एक 22 वर्षीय ईरानी महिला महसा अमिनी को गिरफ्तार कर लिया. हिरासत के दौरान उसकी मौत हो गई थी (Morality Police Iranian woman Died). उसके पैरों और चेहरे पर चोट के निशान थे. कई अधिकारियों ने दावा किया था कि मॉरलिटी पुलिस के अधिकारियों ने उसे प्रताड़ित किया था. उसकी गिरफ्तारी और मौत से ईरान में हिजाब के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन किया गया. इस विरोध का असर कई देशों में देखा गया था. देश भर की महिलाओं ने सोशल मीडिया पर अपने बालों को काटते हुए वीडियो और फोटोज शेयर करना शुरू कर दिया था (Protest against Hijab).
पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि रेस्क्यू की गई लड़कियों में से 153 लड़कियां शोषण का सामना कर रही थीं और उन्हें ऑर्केस्ट्रा समूहों में नृत्य करने के लिए मजबूर किया जा रहा था, जबकि 118 को जनवरी 2025 से देह व्यापार में धकेला गया था.