भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर के बीच, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत जिसमें पांच मौसम विभाग संबंधी उपखंड (तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा, केरल और माहे, दक्षिण आंकरिक कर्नाटक) शामिल हैं, उनमें बारिश सामान्य से ज्यादा (यानि औसत से 112% से अधिक) हो सकती है.
देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना बताई जा रही है, लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों, सुदूर दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश सामान्य से कम रह सकती है.
अक्टूबर में ऐसा रहेगा देशभर में तापमान
मौसम विभाग के मुताबिक, अक्टूबर में देश के ज्यादातर हिस्सों का तापमान सामान्य या उससे कम रहने की संभावना है. लेकिन पूर्वोत्तर भारत, उससे लगे पूर्वी हिस्से, पश्चिमी हिमालयी राज्य और सौराष्ट्र-कच्छ में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है. पूर्वोत्तर भारत में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना बताई जा रही है.
इस समय भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर की सतह पर समुद्री तापमान औसत के आसपास है, जो बताता है कि ENSO की स्थिति फिलहाल सामान्य है. ENSO एक बार-बार आने वाला मौसम का पैटर्न बताया जाता है, जिसमें प्रशांत महासागर के पूर्वी और मध्य हिस्सों के पानी का तापमान बदलता रहता है.
मॉनसून मिशन कपल्ड फोरकास्ट सिस्टम (MMCFS) और अन्य जलवायु मॉडल्स के पूर्वानुमान के अनुसार, मॉनसून के बाद के मौसम में ला नीना की स्थिति विकसित होने की संभावना बढ़ गई है. ला नीना प्रशांत महासागर में एक मौसम पैटर्न बताया जाता है, जिसमें मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम होता है.
अक्टूबर 2025 में भारत में औसत बारिश सामान्य से अधिक, LPA के 115% से अधिक रहने की संभावना बताई जा रही है. मौसम विभाग के अनुसार 1971 से 2020 के आंकड़ों के आधार पर, अक्टूबर के महीने देश भर में बारिश का LPA लगभग 75.4 मिमि है.