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मोमोज

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भारत में आज हर गली, नुक्कड़ और फूड कोर्ट में एक चीज ने अपनी खास जगह बना ली है वह 'मोमोज' (Momos). तिब्बत और नेपाल से भारत आए इन छोटे-छोटे स्टीम्ड पकवानों ने शहरी युवाओं से लेकर गांवों तक सभी को अपना दीवाना बना दिया है. चाहे वह वेज हो या नॉन-वेज, तंदूरी हो या फ्राइड, मोमोज हर स्वाद और हर दिल को भा जाते हैं.

मोमोज की शुरुआत तिब्बत और नेपाल से मानी जाती है, जहां ये पारंपरिक रूप से याक के मांस से बनाए जाते थे. तिब्बती प्रवासियों के साथ यह पकवान भारत आया और धीरे-धीरे पहाड़ी इलाकों से होते हुए देश के कोने-कोने तक पहुंच गया. आज दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में मोमोज स्ट्रीट फूड की जान बन चुके हैं.

मोमोज की सबसे बड़ी खासियत है उसकी विविधता. आज यह सिर्फ स्टीम्ड नहीं, बल्कि तंदूरी, फ्राइड, कुरकुरे, ग्रेवी वाले और पनीर या चॉकलेट जैसे इनोवेटिव फ्लेवर में भी मिलते हैं.

मोमोज जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतनी ही जरूरी होती है उनके साथ परोसी जाने वाली तीखी लाल चटनी. यह टमाटर, लाल मिर्च और लहसुन से बनी होती है. कई जगहों पर मेयोनीज या मिंट सॉस के साथ भी मोमोज परोसे जाते हैं.

जहां स्टीम्ड मोमोज तुलनात्मक रूप से हेल्दी माने जाते हैं, वहीं फ्राइड और चीज मोमोज ज्दाया कैलोरीज वाले हो सकते हैं. इसलिए अगर आप हेल्थ कॉन्शियस हैं, तो स्टीम्ड मोमोज और हरी सब्जियों वाले विकल्प चुनना बेहतर है.

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