काल भैरव मंदिर (Kaal Bhairav Temple) भारत में कई शहरों में है, लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में स्थित मंदिर सबसे प्रसिद्ध मंदिर है. उज्जैन शहर शिप्रा नदी के तट पर स्थित है. काल भैरव के इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता सालो भर लगा रहता है. इस मंदिर में काल भैरव को शराब भी प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है.
मंदिर में काल भैरव की मूर्ति चट्टान से बना हुआ है, जिसे रोज कुमकुम या सिंदूर के साथ एक आकृति दी जाती है. काल भैरव को चांदी मराठी शैली में पगड़ी पहनाया जाता है. दरअसल यह परंपरा महादजी शिंदे के समय से चली आ रही है (Kaal Bhairav Temple Rituals).
उज्जैन के अलावा कई और काल भैरव के प्रसिद्ध मंदिर है. वाराणसी में काल भैरव मंदिर, जिसे वाराणसी का कोतवाल माना जाता है (Kaal Bhairav Temple, Varanasi).
भगवान कालभैरवेश्वर मंदिर कर्नाटक में एक प्राचीन मंदिर है, जिसे आदिचुनचनगिरि पहाड़ियों में कालभैरवेश्वर क्षेत्र पालका के रूप में जाना जाता है (Kaal Bhairav Temple, Karnataka).
उड़ीसा के जगतसिंहपुर जिले में अजयकपाद भैरव मंदिर उड़ीसा के चौंसठ योगिनी मंदिर में स्थित है (Kaal Bhairav Temple, Odisha).
तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में कालभैरवर मंदिर, क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है (Kaal Bhairav Temple, Tamil Nadu).
चोमुखा भैरवजी मंदिर राजस्थान राज्य के झुंझुनू जिले में स्थित है, जिसकी पुजा खरखरा के लोग करते हैं (Kaal Bhairav Temple, Rajasthan).
Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव केवल शिव का उग्र रूप नहीं, बल्कि समय से परे जाने की चेतना हैं. वे उस रहस्यमय शक्ति का प्रतीक हैं जो जीवन और मृत्यु के चक्र को तोड़ देती है. विज्ञान जिस स्पेस-टाइम के रहस्य को अब खोज रहा है, वही तो योगिक परंपरा में सदियों से काल के रूप में पूजित है, जहां समय रुक जाता है, वहीं भैरव प्रकट होते हैं.
Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव जयंती जिसे भैरव जयंती, काल भैरव अष्टमी या भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का अत्यंत पवित्र पर्व है. इस दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप भैरव का जन्मोत्सव मनाया जाता है. भैरव अष्टमी का व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
Kaal Bhairav Jayanti 2025 इस साल 12 नवंबर, बुधवार को मनाई जाएगी. भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की आराधना से भय, रोग और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और इस दिन का धार्मिक महत्व.
काशी दौरे पर योगी आदित्यनाथ ने बाबा विश्वनाथ और काल भैरव के दर्शन किए. बच्चों को चॉकलेट दी और पढ़ाई के लिए प्रेरित किया.
Ujjain काल भैरव मंदिर में वर्षों से भगवान को शराब का भोग लगाने की परंपरा रही है. इसके लिए मंदिर के बाहर शराब काउंटर संचालित होता था, जो हर ब्रांड की देशी-विदेशी शराब उपलब्ध कराता था. अब इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया है.
Kaal Bhairav Jayanti: भगवान शिव की तंत्र साधना में भैरव का विशेष महत्व है. भैरव वैसे तो शिवजी के ही रौद्र रूप हैं, लेकिन कहीं-कहीं पर इन्हें शिव का पुत्र भी माना जाता है. ऐसी भी मान्यताएं हैं कि जो लोग भी शिव के मार्ग पर चलते हैं, उन्हें भैरव कहा जाता है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को वाराणसी पहुंचे थे. यहां उन्होंने काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की. देखें वीडियो