स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बहस में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. विपक्ष के नेता के राष्ट्रीय उत्सव में शामिल न होने पर सवाल उठाए गए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा प्रकल्पों और शताब्दी वर्ष के योगदान का जिक्र हुआ. प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन को अद्भुत बताया गया.