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हुगली

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हुगली जिला (Hooghly District) पश्चिम बंगाल के 23 जिलों में से एक है. यह राज्य के बर्दवान डिवीजन (Burdwan Division) में स्थित है और इसका मुख्यालय हुगली-चुचुड़ा (Hooghly-Chinsurah) में है. जिले का नाम हुगली नदी के नाम पर पड़ा है, जो गंगा की प्रमुख सहायक नदी है. प्रशासनिक रूप से यह जिला चार उपविभागों में बंटा है- चुचुड़ा सदर, सेरामपुर, चंदननगर और अरामबाग.

हुगली जिले का नाम उसी के प्रमुख नगर हुगली से पड़ा है, जो हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है और कोलकाता से लगभग 40 किलोमीटर उत्तर में है. प्राचीन काल में यह शहर भारत के सबसे महत्वपूर्ण नदी बंदरगाहों में से एक था. यहीं से भारत में यूरोपीय व्यापारियों के आने की शुरुआत मानी जाती है.

हुगली क्षेत्र का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है और यह कभी भूर्षुट (Bhurshut) नामक बंगाली राज्य का हिस्सा हुआ करता था. सन 1536 में पुर्तगाली व्यापारी (Portuguese Traders) सुल्तान महमूद शाह से व्यापार की अनुमति लेकर यहां आए. उस समय हुगली नदी परिवहन का मुख्य साधन थी, और यह क्षेत्र व्यापारिक गतिविधियों के लिए अत्यंत समृद्ध था. यहीं से भारत के विभिन्न हिस्सों में मसाले, कपड़ा और अन्य वस्तुएं भेजी जाती थीं.

हुगली जिला वर्तमान में 18 विधानसभा क्षेत्रों में बंटा हुआ है. इनमें से कुछ क्षेत्र अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं जैसे बलागढ़, धनियाखली, खनकुल और गोगाट. राजनीतिक रूप से यह जिला तीन प्रमुख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित है -

सेरामपुर लोकसभा क्षेत्र: जंगीपाड़ा, चंदितला, उत्तरपाड़ा, सेरामपुर और चंपदानी विधानसभा क्षेत्र इसमें आते हैं.

हुगली लोकसभा क्षेत्र: चंदननगर, सिंगूर, हरिपाल, चुचुड़ा, बांसबेरिया, पॉल्बा और धनियाखली इस क्षेत्र का हिस्सा हैं.

अरामबाग लोकसभा क्षेत्र: तारकेश्वर, Pursurah, खनकुल, अरामबाग और गोगाट इसमें शामिल हैं.

इसके अलावा बलागढ़ और पांडुआ क्षेत्र कटवा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, जिसमें बर्दवान जिले के भी पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.

2011 की जनगणना के अनुसार, हुगली जिले की कुल जनसंख्या 55,19,145 थी, जो जनसंख्या के लिहाज से भारत में 16वें स्थान पर आती है. इसकी तुलना अगर देशों से की जाए तो यह डेनमार्क (Denmark) या अमेरिकी राज्य विस्कॉन्सिन (Wisconsin) की आबादी के लगभग बराबर है. बात करें साक्षरता दर की तो यहां 82.55% लोग साक्षर हैं.

शहरी आबादी: कुल जनसंख्या का लगभग 38.57% जिनमें अनुसूचित जाति (SC): 24.35% और अनुसूचित जनजाति (ST): 4.15% हैं.

यह आंकड़े दिखाते हैं कि हुगली जिला शिक्षा और सामाजिक विकास के मामले में पश्चिम बंगाल के अग्रणी जिलों में से एक है. हुगली का क्षेत्र लंबे समय से कृषि, व्यापार और उद्योग का केंद्र रहा है. यहां की उपजाऊ भूमि, हुगली नदी की निकटता और कोलकाता से संपर्क ने इसे पूर्वी भारत का औद्योगिक गलियारा (Industrial Belt) बना दिया है. यह जिला जूट, वस्त्र उद्योग, लघु उद्यमों और कृषि उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है.

सांस्कृतिक रूप से भी यह जिला बंगाल की साहित्यिक, धार्मिक और शैक्षणिक परंपराओं का केंद्र रहा है. यहां सेरामपुर कॉलेज (1818) भारत के सबसे पुराने शिक्षण संस्थानों में से एक है, जिसकी स्थापना डेनिश मिशनरियों ने की थी.

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