ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) एक संक्रमण है जो शरीर की इम्यून सिस्टम पर हमला करता है. एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम यानी एड्स (AIDS) बीमारी इसकी एडवांस स्टेज है.
एचआईवी शरीर की श्वेत रक्त कोशिकाओं को अटैक करता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाती है. जिसके कारण कोई भी बीमारी होना आसान हो जाता है.
एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों से फैलता है, जिसमें रक्त, स्तन का दूध, वीर्य और योनि द्रव शामिल हैं. यह किस, गले लगाने या खाना साझा करने से नहीं फैलता है. यह एक मां से उसके बच्चे में भी फैल सकता है.
एचआईवी का इलाज और रोकथाम एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) से की जा सकती है. ठीक न होने वाला एचआईवी अक्सर कई वर्षों के बाद एड्स में बदल सकता है.
संकेत और लक्षण
एचआईवी के लक्षण संक्रमण के चरण के आधार पर अलग-अलग होते हैं.
मध्य प्रदेश में थैलेसीमिया से पीड़ित छह बच्चों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति गठित की है. चार मामले सतना के एक अस्पताल से जुड़े हैं. समिति को सात दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार दूषित रक्त संक्रमण की आशंका सहित सरकारी व अन्य अस्पतालों में हुई संभावित लापरवाही की जांच कर रही है.
त्रिपुरा में HIV-AIDS के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यहां 800 से ज्यादा छात्र HIV पॉजिटिव मिले हैं. कइयों की तो मौत भी हो चुकी है. त्रिपुरा की एड्स कंट्रोल सोसायटी के एक अधिकारी ने बताया कि हाल ही में 828 छात्र HIV से संक्रमित पाए गए जबकि, 47 छात्रों की एड्स से मौत हो चुकी है.
त्रिपुरा के स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले 800 से ज्यादा छात्र HIV से संक्रमित पाए गए हैं. हालिया समय में त्रिपुरा में HIV-AIDS के मामले तेजी से बढ़े हैं. छात्रों में HIV का संक्रमण फैलने का सबसे बड़ा कारण इंजेक्शन से ड्रग्स लेने की लत है. ऐसे में जानते हैं कि इंजेक्शन से ड्रग्स कैसे HIV से संक्रमित कर रही है?