हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित हथिनी कुंड (Hathini Kund) बैराज उत्तर भारत का एक प्रमुख जल-नियंत्रण और सिंचाई तंत्र है. यह बैराज यमुना नदी पर यमुनानगर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है. इसे वर्ष 1999 में पुराने ताजेवाला हेडवर्क्स के विकल्प के रूप में तैयार किया गया था. हथिनी कुंड का मुख्य उद्देश्य नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित करना और हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान व उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सिंचाई एवं पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है.
ताजेवाला हेडवर्क्स, जो 1873 में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था, लंबे समय तक इस क्षेत्र की सिंचाई व्यवस्था का आधार रहा. लेकिन समय के साथ उसकी संरचना कमजोर होती चली गई और उसमें बार-बार क्षति होने लगी. इसी कारण 1990 के दशक में नया बैराज बनाने का निर्णय लिया गया और हथिनी कुंड बैराज का निर्माण हुआ.
हथिनी कुंड बैराज में बड़ी-बड़ी स्लूइस गेट्स (जलद्वार) बनाए गए हैं जिनकी मदद से यमुना नदी के पानी को नियंत्रित किया जाता है. बैराज से निकली दो प्रमुख नहरें- पूर्वी यमुना नहर (Eastern Yamuna Canal) और पश्चिमी यमुना नहर (Western Yamuna Canal) सिंचाई के लिए जीवनरेखा मानी जाती हैं.
इन नहरों से हरियाणा और राजस्थान के बड़े हिस्से में खेतों को पानी मिलता है. दिल्ली की पेयजल आपूर्ति भी काफी हद तक इसी बैराज पर निर्भर है. साथ ही, यह बैराज बाढ़ नियंत्रण में भी अहम भूमिका निभाता है.
हथिनी कुंड बैराज का इलाका पक्षियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है. सर्दियों में यहां साइबेरियन पक्षी आते हैं जिससे यह जगह पक्षी-प्रेमियों के लिए खास बन जाती है. आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य और यमुना का बहाव इसे पर्यटक स्थल का रूप देता है.
दिल्ली में यमुना का जलस्तर 205.59 मीटर पर, खतरे के निशान से ऊपर है. बस्तियों में पानी भरा, राहत कैंप प्रभावित. रेस्क्यू और बचाव कार्य जारी.
सितंबर में एक तरफ पहाड़ों पर बारिश जारी है तो दूसरी तरफ नदियां उफान पर हैं, दिल्ली में बाढ़ के हालात हैं. यमुनानगर के उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया है कि हथिनी कुंड बैराज से पानी का बहाव लगभग 50-60% कम हो गया है. आजतक से बात करते हुए उन्होंने क्या कुछ बताया, जानने के लिए देखें यमुनानगर के हथिनी कुंड बराज से आजतक की ये रिपोर्ट.
राजधानी दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है, जिससे निगमबोध घाट, मॉनेस्ट्री मार्केट और यमुना बाजार समेत कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं. दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ के हालात बन गए हैं, जिससे यमुना पार के कुछ इलाके में पानी घरों में घुस गया है. हालात को देखते हुए दिल्ली के पुराने लोहे के पुल को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. सोनिया विहार इलाके में यमुना का जल प्रवाह तेजी से बढ़ रहा है. सिग्नेचर ब्रिज और यमुना विहार के तटवर्ती इलाकों में भी जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है. हथिनीकुंड बैराज से 3,29,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली-एनसीआर के निचले इलाकों में यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है.
यमुना में बढ़े जलस्तर के बाद दिल्ली में बाढ़ का संकट गहरा रहा है. यमुना के किनारे बसा यमुना बाजार इलाका जलभराव से जूझ रहा है.एक सितंबर की शाम जैसे ही यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा तो यमुना बाजार इलाके की कॉलोनी में पानी घुसना शुरू हो गया.
दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे के निशान को पार कर चुका है. हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी ने दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है.