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फुकुशिमा

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फुकुशिमा

फुकुशिमा (Fukushima) जापान का एक प्रांत है, जो विश्व स्तर पर 2011 की विनाशकारी त्रासदी के कारण जाना जाता है. 11 मार्च 2011 को आए भूकंप और सुनामी ने न केवल हजारों लोगों की जान ली, बल्कि फुकुशिमा दाइइची न्यूक्लियर पावर प्लांट में हुए रेडियोधर्मी रिसाव ने मानवता को गहरी चोट दी. यह दुर्घटना चेर्नोबिल (1986) के बाद दूसरी सबसे गंभीर परमाणु त्रासदी मानी जाती है.

भूकंप की तीव्रता 9.0 मैग्नीट्यूड थी, जो जापान के इतिहास में सबसे भयंकर थी. इसके कुछ ही समय बाद आई विशाल सुनामी ने फुकुशिमा के तटीय क्षेत्र को तहस-नहस कर दिया. न्यूक्लियर प्लांट की बिजली और कूलिंग सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया, जिससे तीन रिएक्टर मेल्टडाउन की स्थिति में आ गए. इसके चलते भारी मात्रा में रेडियोधर्मी तत्व बाहर निकल गए, जिससे वातावरण, मिट्टी और समुद्र प्रदूषित हो गया.

जापान सरकार ने न्यूक्लियर प्लांट का संचालन करने वाली कंपनी TEPCO पर कार्यवाही की और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से रेडियोधर्मी कचरे की सफाई शुरू की. हालांकि ये प्रक्रिया बेहद जटिल और धीमी है. आज भी प्लांट के आसपास कई क्षेत्र प्रतिबंधित हैं.

2021 में जापान सरकार ने फुकुशिमा से ट्रीट किया हुआ रेडियोधर्मी पानी समुद्र में छोड़ने का फैसला किया, जिस पर अंतरराष्ट्रीय बहस अब भी जारी है.


 

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फुकुशिमा न्यूज़

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