दुर्गापुर (Durgapur) पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान (Paschim Bardhaman) जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है. यह शहर लगभग 154.20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या लगभग 5,66,937 थी.
दुर्गापुर नगरपालिका (Municipal Corporation) 1994 में स्थापित हुई. इसके अंतर्गत दुर्गापुर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन तथा आसपास के ब्लॉक्स आते हैं.
दुर्गापुर का प्राचीन इतिहास पाषाण युग तक लौटता है. अजय घाटी के निकट मिले माइक्रोलिथिक उपकरण इस क्षेत्र में लगभग 5000 ईसा पूर्व से बसे लोगों का संकेत देते हैं. मध्यकाल और बाद में यह क्षेत्र मगध, मौर्य, गुप्त और पाल वंशों के अधीन रहा.
नामकरण की लोककथा के अनुसार, इस क्षेत्र को पहले गोपीनाथपुर कहा जाता था. गुपीनाथ चट्टोपाध्याय ने यहां का पट्टा ले लिया था. उनके वंशज दुर्गाचरण चट्टोपाध्याय ने इस क्षेत्र का विकास किया और इसे बाद में दुर्गापुर नाम दिया गया. उन्होंने इस क्षेत्र में एक काली मंदिर और शिव मंदिर का निर्माण किया.
दुर्गापुर को भारत की योजनाबद्ध औद्योगिक इकाइयों में से एक माना जाता है. इसे पश्चिम बंगाल का “इस्पात शहर” कहे जाने का विशेष स्थान है.
1950 और 1960 के दशक में यहां कई सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां स्थापित की गईं. दुर्गापुर स्टील प्लांट (Durgapur Steel Plant, SAIL) इसका प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठान है.
इसके अतिरिक्त अलॉय स्टील प्लांट, रासायनिक उद्योग, ऊर्जा उत्पादन (Durgapur Projects Limited, Thermal Power Stations) व आईटी तथा सेवा क्षेत्रों ने भी यहाँ के आर्थिक ढाँचे को समृद्ध किया है.
दुर्गापुर दो नदियों, अजय और दमोडर के बीच स्थित है. यह क्षेत्र लयहरी भूमि पर फैला है और कृषि व बागवानी के लिए उपयुक्त माना जाता है.
बारिश का प्रभाव विशेष रूप से मई से अक्टूबर के बीच होता है, और वर्षाकालीन मौसम शहर को “छोटा छेरापूंजी” की उपाधि दिलाता है.
दुर्गापुर आज औद्योगिक शक्ति और शहरी विकास का प्रतीक बन चुका है. इसके इतिहास, प्राकृतिक सुंदरता और आर्थिक महत्व ने इसे पश्चिम बंगाल के प्रमुख शहरों में स्थापित कर दिया है. भविष्य में, यदि संतुलित विकास नीति अपनाई जाए और पर्यावरणीय चुनौतियों पर नियंत्रण हो, तो इस “इस्पात नगरी” की पहचान और भी मजबूत होगी.
दुर्गापुर में एमबीबीएस छात्रा से गैंगरेप के मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने चिंता जताई है. उन्होंने पीड़िता, उसके परिजनों और डॉक्टरों से मुलाकात की. उन्होंने इस मामले में राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट तैयार करके भेजी है.