दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) एक शतरंज खिलाड़ी हैं. वह भारतीय महिला शतरंज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिला रही हैं. दिव्या देशमुख का जन्म 2005 में हुआ था और वह नागपुर, महाराष्ट्र की रहने वाली हैं. बेहद कम उम्र में ही उन्होंने शतरंज के प्रति गहरी रुचि दिखानी शुरू कर दी थी.
दिव्या ने बेहद कम उम्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भाग लेना शुरू किया और जल्द ही उनका नाम भारत की शीर्ष युवा खिलाड़ियों में शुमार हो गया. उन्होंने U-10, U-12 और U-14 वर्गों में कई बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती. 2019 में वह एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप की विजेता बनीं. उन्होंने FIDE महिला ग्रैंडमास्टर (WGM) और फिर इंटरनेशनल मास्टर (IM) का टाइटल भी हासिल किया. 2022 और 2023 में दिव्या ने कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया. FIDE महिला ग्रां प्री में उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया. 2022 में उन्होंने फिडे ओलंपियाड में भारत की ओर से खेलते हुए शानदार जीत दर्ज की.
2024 में दिव्या देशमुख ने राष्ट्रीय महिला शतरंज चैंपियनशिप जीती और लगातार दूसरी बार इस खिताब पर कब्जा जमाया. उन्होंने Tata Steel India Chess Tournament 2024 में भी महिलाओं की श्रेणी में शानदार प्रदर्शन किया.
FIDE वर्ल्ड चेस कप ट्रॉफी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. गोवा में हुए रंगारंग समारोह में FIDE वर्ल्ड चेस कप 2025 का नाम भारत के चेस दिग्गज विश्वनाथन आनंद के नाम पर कर दिया गया है.
भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने 29 जुलाई 2025 को बातुमी (जॉर्जिया) में आयोजित शतरंज विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया. वह न केवल विश्व कप जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बनीं, बल्कि इसी जीत के साथ भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गईं. इंटरव्यू के दौरान दिव्या ने फाइनल के भावनात्मक पलों, अपनी आक्रामक खेल शैली और चीन की शीर्ष खिलाड़ियों पर लगातार जीत के बारे में बात की.
दिव्या देशमुख की वर्ल्ड कप जीत भारत की उस गहराई को दर्शाती है जो शतरंज के हर स्तर – ओपन वर्ग, जूनियर टूर्नामेंट्स और अब महिला वर्ग – में वैश्विक स्तर पर दिखाई दे रही है.
भारतीय शतरंज के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने महिलाओं की शतरंज विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है. उन्होंने दुनिया की शीर्ष महिला शतरंज खिलाड़ियों में शुमार कोनेरू हम्पी को हराकर यह उपलब्धि अपने नाम किया.