चिकन नेक कॉरिडोर (Chicken's Neck Corridor) भारत का एक महत्वपूर्ण भूभाग है, जो देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों को शेष भारत से जोड़ता है. इसे ‘सिलीगुड़ी कॉरिडोर’ (Siliguri Corridor) भी कहा जाता है. यह पश्चिम बंगाल में स्थित एक संकरा भूभाग है, जिसकी चौड़ाई कुछ स्थानों पर मात्र 22 किलोमीटर है. यह कॉरिडोर रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है.
चिकन नेक कॉरिडोर पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों के बीच स्थित है. यह उत्तर में नेपाल और भूटान तथा दक्षिण में बांग्लादेश से घिरा हुआ है. इस क्षेत्र के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-10, NH-27) और रेलवे लाइनें गुजरती हैं, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ती हैं.
यह कॉरिडोर भारत की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यदि यह बाधित हो जाए तो उत्तर-पूर्वी राज्यों का संपर्क शेष भारत से कट सकता है.
चिकन नेक कॉरिडोर के निकट चीन और भूटान स्थित हैं. डोकलाम क्षेत्र में चीन की गतिविधियां इस क्षेत्र के लिए एक सुरक्षा चुनौती प्रस्तुत करती हैं.
यह कॉरिडोर बांग्लादेश से बहुत करीब है. भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग इस क्षेत्र की सुरक्षा और व्यापार के लिए आवश्यक है. यह कॉरिडोर उत्तर-पूर्व के राज्यों से आने-जाने वाले सामानों के लिए मुख्य व्यापारिक मार्ग है. सिलीगुड़ी शहर इस कॉरिडोर का प्रमुख केंद्र है, जो पूरे उत्तर-पूर्व के लिए व्यापारिक हब का कार्य करता है.
भारत ने एक बड़े रणनीतिक कदम के तहत बांग्लादेश के साथ लगने वाली अपनी पूर्वी सीमा पर तीन नए सैन्य अड्डे स्थापित किए हैं. इन फारवर्ड बेस पर राफेल, ब्रह्मोस के साथ अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किए जा रहे हैं.
रविवार को यूनुस ने पाकिस्तानी जनरल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पाक के जनरल को एक किताब भेंट की, जिसमें भारत के असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया है. इस नक्शे को लेकर सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश फैल गया है और भारत की संप्रभुता में हस्तक्षेप को लेकर आलोचना हो रही है.
भारत का चिकन नेक किसी भी तरह से देश की कमजोरी नहीं बल्कि इसकी ताकत है और यह बयान आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कुछ ही दिन पहले दिया था. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर भारत की मजबूत कड़ी है क्योंकि यहां तीन तरफ से भारतीय सेना की तैनाती है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की यह चेतावनी उन रिपोर्ट्स के बाद आई है जिनमें कहा गया है कि चीन लालमोनिरहाट में द्वितीय विश्व युद्ध के समय के एयरबेस को फिर से ऑपरेशनल करने में बांग्लादेश की मदद कर रहा है, जो महत्वपूर्ण चिकन नेक कॉरिडोर से सिर्फ 100 किमी दूर स्थित है.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर को लैंडलॉक्ड बताते हुए बांग्लादेश को इस पूरे इलाके में समंदर का अकेला गार्जियन कह दिया. ये बयान उन्होंने चीन की गुडबुक में आने के लिए दिया. इसके बाद से नॉर्थईस्टर्न राज्यों को देश से जोड़ने वाले संकरे रास्ते यानी चिकन्स नेक पर चिंता गहरा रही है कि कहीं बीजिंग और ढाका मिलकर कोई साजिश तो नहीं कर रहे.