scorecardresearch
 
Advertisement

चेरनोबिल डिजास्टर

चेरनोबिल डिजास्टर

चेरनोबिल डिजास्टर

चेरनोबिल डिजास्टर

चेरनोबिल आपदा (Chernobyl Disaster) एक परमाणु दुर्घटना (Nuclear Accident) थी जो 26 अप्रैल 1986 को सोवियत संघ में यूक्रेनी एसएसआर के उत्तर में पिपरियात शहर के पास चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में नंबर 4 रिएक्टर में हुई थी (Chernobyl Nuclear Power Plant). इसे जान-माल के नुकसान के लिहाज से इतिहास का सबसे खराब न्यूक्लियर डिजास्टर माना जाता है (Most Dangerous Nuclear Power Plant Accident). यह उन दो परमाणु ऊर्जा दुर्घटनाओं में से एक है, जिसे इंटरनेशनल न्यूक्लियर इवेंट स्केल पर सात रेटिंग के साथ सबसे गंभीर माना गया है. इसके अलावा, दूसरा सबसे खतरनाक न्यूक्लियर डिजास्टर जापान में 2011 में फुकुशिमा दाइची परमाणु आपदा है (Fukushima Daiichi Nuclear Disaster). चेरनोबिल डिजास्टर के बाद, सुधार कार्य में 500,000 से अधिक कर्मियों को शामिल किया गया जिसपर अनुमानित 18 बिलियन सोवियत रूबल की लागत आई (Chernobyl disaster Cost).

यह दुर्घटना RBMK-टाइप के परमाणु रिएक्टर के स्टीम टर्बाइन पर सुरक्षा परीक्षण के दौरान हुई थी (RBMK-type Nuclear Reactor). परीक्षण के दौरान, योजना के मुताबिक, रिएक्टर की शक्ति घटाने के दौरान, बिजली उत्पादन अप्रत्याशित रूप से लगभग शून्य हो गया (Unexpected Drop of Reactor Power). ऑपरेटर टेस्ट प्रोग्राम के मुताबिक पावर को रिस्टोर करने में नाकामयाब हो गए, जिससे रिएक्टर अस्थिर स्थिति चली गई. ऑपरेटिंग निर्देशों में इस जोखिम को स्पष्ट नहीं किया गया था, इसलिए ऑपरेटरों ने परीक्षण जारी रखा. परीक्षण पूरा होने पर, ऑपरेटरों ने रिएक्टर शटडाउन शुरू कर दिया. लेकिन ऑपरेटर की लापरवाही और डिजाइन के दोषों के कारण रिएक्टर विस्फोट की दहलीज पर पहुंच गया. शट डाउन होने की जगह, रिएक्टर में एक न्यूक्लियर चेन रिएक्शन शुरू हो गया, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा मुक्त हुई (Reactor Shutdown and Power Excursion).

बेतहाशा निकलने वाली ऊर्जा से कोर पिघल गया और दो या दो से अधिक विस्फोटों ने रिएक्टर कोर को तोड़ दिया और रिएक्टर बिल्डिंग को नष्ट कर दिया. इसके तुरंत बाद एक ओपन-एयर रिएक्टर कोर में आग लग गई (Chernobyl Disaster Steam Explosion). इसने लगभग नौ दिनों के लिए हवा में रेडियोएक्टिव प्रदूषण जारी रखा, जो आखिरकार 4 मई 1986 को समाप्त हुआ. इस विस्फोट से निकलने वाले परमाणु कचड़ा का लगभग 70% बेलारूस में 16 किलोमीटर दूर गिरा (Chernobyl Disaster Radiation Levels). रेडियो एक्टिव लेवल को देखते हुए, दुर्घटना के 36 घंटे बाद 10 किलोमीटर के क्षेत्र को पूरी तरह से खाली कराया गया. मुख्य रूप से पिपरियात से लगभग 49,000 लोगों को क्षेत्र से निकाला गया था. बाद में इस क्षेत्र को बढ़ाकर 30 किलोमीटर कर दिया गया जहां से  68,000 और लोगों को निकाला गया. बाद में, यह लगभग 2,600 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करने वाला चेरनोबिल एक्सक्लूजन जोन बन गया (Chernobyl Disaster Evacuation).

रिएक्टर विस्फोट में दो इंजीनियरों की मौत हो गई और दो और गंभीर रूप से जल गए. आग पर काबू पाने, रिएक्टर को स्थिर करने और निकाले गए परमाणु कोर को साफ करने के लिए एक बड़े पैमाने पर आपातकालीन अभियान शुरू हुआ. तत्काल आपातकालीन प्रतिक्रिया के दौरान, 134 स्टेशन कर्मचारियों और फायरमैन रेडिएशन की चपेट में आ गए और एक्यूट रेडिएशन सिंड्रोम के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इन 134 लोगों में से 28 की मृत्यु हो गई और लगभग 14 की विकिरण के चलते हुए कैंसर से अगले 10 वर्षों में मृत्यु हो गई. चेरनोबिल डिजास्टर से हुई कुल मौतों का स्पष्ट निर्धारण नहीं हो सका. एक आकलन के मातबिक इस आपदा से लगभग 9,000 से 16,000 लोगों की मृत्यु का अमुमान है (Chernobyl Disaster Radiation Effects and Deaths).
 

और पढ़ें

चेरनोबिल डिजास्टर न्यूज़

Advertisement
Advertisement