भीम आर्मी (Bhima Army), जिसे "भीम आर्मी भारत एकता मिशन" के नाम से भी जाना जाता है, एक सामाजिक संगठन है जो भारत में दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा और उत्थान के लिए काम करता है. इस संगठन की स्थापना 2015 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में चंद्रशेखर आजद और उनके साथियों विनय रतन सिंह व मनीष कुमार ने की थी.
भीम आर्मी की स्थापना का मूल उद्देश्य भारतीय समाज में व्याप्त जातीय भेदभाव, सामाजिक अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संगठित होकर संघर्ष करना था. यह संगठन बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के विचारों और संविधान में निहित समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर चलता है.
भीम आर्मी ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न गांवों में "भीम आर्मी स्कूल" नामक निशुल्क कोचिंग सेंटर चलाए हैं, जहां दलित और गरीब बच्चों को पढ़ाई की सुविधा दी जाती है.
जब भी किसी दलित पर अत्याचार होता है, भीम आर्मी वहां विरोध प्रदर्शन करती है, न्याय की मांग करती है और प्रशासन को जागरूक करती है. सहारनपुर हिंसा (2017) के दौरान संगठन पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया.
हालांकि शुरू में यह संगठन केवल सामाजिक कार्यों में सक्रिय था, पर समय के साथ चंद्रशेखर आजाद ने राजनीतिक मंच भी अपनाया और “आजाद समाज पार्टी” की स्थापना की. इसके पीछे उद्देश्य था कि दलित समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी मिले.
भीम आर्मी के कुछ आंदोलनों को लेकर सरकार और प्रशासन से उसका टकराव होता रहा है. संगठन को कई बार "अराजक" कहा गया, और चंद्रशेखर को कई बार जेल भी जाना पड़ा. लेकिन समर्थकों का मानना है कि यह दमनकारी व्यवस्था के खिलाफ खड़ा एक साहसी प्रयास है.
बाराबंकी जिले में पुलिस के कथित उत्पीड़न से परेशान होकर भीम आर्मी कार्यकर्ता अशोक कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि जैदपुर थाना के थानाध्यक्ष और एक दारोगा ने उनसे 75,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी. अशोक ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है.
Prayagraj Violence: प्रयागराज में रविवार को जमकर बवाल हुआ. पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई. प्राइवेट वाहन फूंक दिए गए. ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे चले. करीब तीन घंटे सड़क पर उपद्रव का दौर चला. इस पूरे बवाल का आरोप भीम आर्मी और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद के समर्थकों पर लगा है.
प्रयागराज के करछना में सांसद चंद्रशेखर आजाद को रोके जाने के बाद भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल किया. साथ ही गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की. पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए 51 लोगों को गिरफ्तार किया और 8 नाबालिगों को हिरासत में लिया है. अब यही उपद्रवी थाने में कान पकड़कर माफी मांग रहे हैं.
Prayagraj Violence: बीते दिन पुलिस ने 10 और बवालियों को गिरफ्तार किया है. अबतक कुल 85 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.
प्रयागराज के करछना में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए कानून-व्यवस्था को फिर से नियंत्रण में ले लिया है. डीसीपी यमुनापार के मुताबिक- हमने पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की है. जो लोग हिंसा में शामिल थे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही किसी निर्दोष को परेशान भी नहीं किया जाएगा.
भीम आर्मी चीफ और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर उनके कार्यकर्ताओं का शोषण करने का काम किया गया तो इस बार आंदोलन कौशांबी, इलाहाबाद में नहीं लखनऊ में होगा.