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बांके बिहारी मंदिर

बांके बिहारी मंदिर

बांके बिहारी मंदिर

बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित एक प्रसिद्ध और अत्यंत पूजनीय मंदिर है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वास्तुकला और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

बांके बिहारी मंदिर की स्थापना वर्ष 1864 में स्वामी हरिदास जी ने की थी, जो महान संत और संगीतकार थे. कहा जाता है कि स्वामी हरिदास जी, स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त थे और उनके भजनों से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने 'बांके बिहारी' रूप में प्रकट होकर उन्हें दर्शन दिए। इसी स्थान पर बाद में यह मंदिर निर्मित किया गया.

"बांके" का अर्थ है "टेढ़े" और "बिहारी" का अर्थ है "विहार करने वाले". भगवान कृष्ण की इस मूर्ति को देखने पर प्रतीत होता है कि वे अपने कमर को हल्का सा मोड़ कर खड़े हैं, इसलिए उन्हें "बांके बिहारी" कहा जाता है. मूर्ति में भगवान श्रीकृष्ण अत्यंत आकर्षक, बालरूप में और राधा जी के साथ विराजमान हैं.

भगवान के दर्शन सीधे और लंबे समय तक नहीं किए जाते. पर्दे को थोड़े-थोड़े समय पर हटाया जाता है, ताकि भक्त ज्यादा देर तक सीधे दृष्टि न कर सकें. मान्यता है कि भगवान की सुंदरता इतनी मोहक है कि कोई भी भक्त उनके सौंदर्य में खो सकता है.

अन्य मंदिरों की तरह यहां सुबह की आरती नहीं होती, क्योंकि माना जाता है कि बांके बिहारी जी रात में विश्राम करते हैं. श्रावण मास में भगवान को झूले पर झुलाया जाता है. इस दौरान मंदिर को फूलों से सजा जाता है.

बांके बिहारी मंदिर की होली बहुत प्रसिद्ध है. यहां गुलाल, फूलों और रासलीला के साथ विशेष होली मनाई जाती है.

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