अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) मैसूर के एक मशहूर मूर्तिकार हैं. भगवान राम के बाल रूप राम लला (Ram Lala Statue at Ayodhya) की दिव्य मूर्ति भी अरुण ने बनाई है जो अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित की गई. इतना ही नहीं, उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की प्रतिमा बनाई है, जिसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose Statue at India Gate, New Delhi) की 125 वीं जयंती से पहले नई दिल्ली में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पीछे स्थापित किया गया.
अरुण योगीराज कर्नाटक राज्य के मैसूरु शहर के मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों से चले आ रहे परिवार से ताल्लुक रखते हैं. अरुण के पिता योगीराज और दादा बसवन्ना शिल्पी भी प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं. अरुण ने एमबीए किया और एक निजी कंपनी में काम किया. लेकिन 2008 से वह पूर्णकालिक मूर्तिकार बन गए. अक्टूबर 2021 में, जब अरुण सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का निर्माण कर रहे थे, उसी दौरान उनके पिता योगीराज शिल्पी का निधन हो गया था. उनका एक भाई और एक बहन है. उनकी पत्नी का नाम विजेता है (Arun Yogiraj Family).
उनके अन्य कार्यों में केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची 3-डी मूर्ति, मैसूर जिले के चुंचनकट्टे में 21 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति, मैसूर में बीआर अंबेडकर की 15 फीट ऊंची मूर्ति शामिल है. 2018 में कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद अमृतशिला प्रतिमा, नंदी की छह फीट की अखंड मूर्ति और बनशंकरी देवी की छह फीट ऊंची मूर्ति भी अदभुत है. इतना ही नहीं, मैसूर के राजा जयचामाराजेंद्र वोडेयार की 14.5 फीट ऊंची प्रतिमा सफेद अमृतशिला (संगमरमर) से बनाई गई, जिसका अनावरण 2016 में किया गया था. साथ ही, नलवाड़ी कृष्णराज वाडियार की 5 फीट की प्रतिमा के साथ-साथ उनके प्रसिद्ध कार्यों में से एक है (Arun Yogiraj Works).
उन्हें 2014 में भारत सरकार द्वारा साउथ ज़ोन यंग आर्टिस्ट अवार्ड और मैसूरु जिला प्रशासन द्वारा राज्योत्सव प्रशस्ति और 2021 में कर्नाटक सरकार का जकानाचारी अवार्ड और मूर्तिकार संघ द्वारा शिल्पा कौस्तुभा को सम्मानित किया गया है (Arun Yogiraj Awards).
मूर्तिकार अरुण योगीराज, उनकी पत्नी और बच्चों का अमेरिकी वीजा खारिज कर दिया गया है. हालांकि दूतावास ने वीजा खारिज करने का कारण नहीं बताया है. वीजा खारिज होने के बाद परिवार का कहना है कि ये कोई बड़ी बात नहीं है, वे अगले साल आवेदन करेंगे. यह पर्यटन वीजा था.
रामनवमी पर सूर्य तिलक के लिए सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 1 बजकर 35 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा. इस मौके पर रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज भी अयोध्या में मौजूद रहेंगे. वह प्रभु राम के सूर्याभिषेक का साक्षी बनेंगे. रामनवमी के मौके पर अरुण अपने परिवार के साथ अयोध्या पहुंच चुके हैं.
अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर में विराजमान, रामलला की प्रतिमा का निर्माण करने वाले अरुण योगीराज India Today Conclave में पहुंचे. यहां उन्होंने प्रभु श्रीराम की प्रतिमा बनाते समय घटी कई घटनाओं के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने बताया कि रामलला की आंखों में जो चमक और खिंचाव दिख रहा था, वो किस तरह आया. देखें वीडियो.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में रामलला की मूर्ति तैयार करने वाले अरुण योगीराज ने कई रोचक किस्से सुनाए. उन्होंने बताया कि आखिर 20 मिनट के अंदर राममला की आंखें तैयार करने से पहले क्या अनुष्ठान करने पड़े थे.
India Today Conclave 2024: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव एक बार फिर आगाज हो गया है. कॉन्क्लेव का आयोजन राजधानी दिल्ली में 15 मार्च से शुरू हो गया और 16 मार्च को भी चलेगा. कॉन्क्लेव में 'मूर्तिकला आस्था: ब्रिंगिंग स्टोन टू लाइफ' सेशन में मूर्तिकार और कलाकार अरुण योगीराज ने शिरकत की. इस दौरान मंच पर उन्होंने भगवान शिव की मूर्ति उकेरी. देखें झलक.
2024 India Today Conclave: अयोध्या मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति से पहले मूर्तिकार अरुण योगीराज एक और प्रतिमा निर्मित कर रहे थे. रामलला की वह मूर्ति 70 प्रतिशत पूरी भी हो चुकी थी, लेकिन दिल्ली से एक फोन आने के बाद योगीराज ने उस मूर्ति को पूरा नहीं किया.
India Today Conclave 2024: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव एक बार फिर आगाज हो गया है. कॉन्क्लेव का आयोजन राजधानी दिल्ली में 15 मार्च से शुरू हो गया और 16 मार्च को भी चलेगा. कॉन्क्लेव में 'मूर्तिकला आस्था: ब्रिंगिंग स्टोन टू लाइफ' सेशन में मूर्तिकार और कलाकार अरुण योगीराज ने शिरकत की. उन्होंने अयोध्या के रामलला की मूर्ति निर्माण का अनुभव साझा किया.
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर के लिए रामलला की छवि को गढ़ने वाले शिल्पकार अरुण योगी ने बताया कि प्रभु श्री राम को की मूर्ति को आकार देने में उनकी स्वयं भगवान राम ने ही मदद की, क्योंकि जब मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूजा अर्चना हुई तब सहसा उन्हें भी विश्वास नहीं हुआ कि उसे उन्होंने बनाया था.
कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज चर्चा में हैं. उन्होंने रामलला की जिस मूर्ति को तराशा है, उसे अयोध्या में नए राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया है. अरुण योगीराज खुद को सबसे भाग्यशाली व्यक्ति मानते हैं. देखें वीडियो.
रामलला की प्रतिमा बनाने वाले अरुण योगीराज की हर कोई तारीफ कर रहा है. अयोध्या में आने वाले श्रद्धालु बाल रूप में विराजमान अपने रामलला को एकटक निहारते ही रह जाते हैं. इस मूर्ति को अरुण योगीराज ने सात महीने में तैयार किया है.
अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. उससे पहले भगवान राम की तीन में एक मूर्ति का चयन किया गया है. देश के फेमस मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई भगवान, राम, सीता और हनुमान की मूर्ति को चुना गया है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 'X' पर इसकी जानकारी दी है.केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 'X' कर लिखा, "जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं. अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन फाइनल हो गया है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति को राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है. मूर्तिकार अरुण उत्तराखंड के केदारनाथ में लगी आदि शंकराचार्य की मूर्ति और इंडिया गेट के पास लगी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति भी बना चुके हैं.
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान संपन्न हुआ. लोग बाल रूप वाले राम की प्रतिमा देख काफी भावुक नजर आए. प्रतिमा बनाने वाले शिल्पकार अरुण योगीराज ने आजतक से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि इस काम से उके परिवार की 300 साल की तपस्या पूरी हुई.
ayodhya ram mandir: राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जा रहा है. जिसके लिए यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की कई बड़ी हस्तियां पहुंचेंगी.
एक्ट्रेस कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर रामलला की प्रतिमा का फोटो शेयर करते हुए लिखा कि उन्होंने हमेशा से प्रभु श्रीराम के बाल रूप को ऐसा ही इमेजिन किया था. कंगना ने इस प्रतिमा को बनाने वले मूर्तिकार अरुण योगीराज की जमकर तारीफ भी की.
मूर्तिकार अरुण योगीराज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की तस्वीरें लीक होने की वजह से दुखी हैं. उनकी पत्नी विजेता अरुण का कहना है कि मैं उदास हूं कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही रामलला की तस्वीर लीक हो गई है. लेकिन खुशी इस बात की है कि रामलला की मूर्ति को लोगों का प्यार मिल रहा है.
देशभर के राम भक्तों को बस उस पल का इंतजार है जब राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और भगवान राम के दर्शन हो सकेंगे. इससे पहले गुरुवार 18 जनवरी को गर्भगृह में प्रतिमा को स्थापित किया जा चुका है. मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रामलला की पहली तस्वीर सामने आई है.
अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला की जिस मूर्ति का चयन हुआ है, उसे मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है. गर्भगृह में जो मूर्ति स्थापित की जा रही है, वह श्याम वर्ण की और रामलला के बालस्वरूप की है
अयोध्या में विराजमान होने जा रही राम लला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज की मां और पत्नी इस बात को लेकर काफी उत्साहित हैं कि अरुण की बनाई हुई मूर्ति की स्थापना मंदिर में हो रही है.
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं. राम मंदिर में कौन सी मूर्ति स्थापित की जाएगी, इसका ऐलान हो गया है. कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा कृष्णशिला पर निर्मित मूर्ति का चयन किया गया है, जो कि रामलला सरकार के श्री विग्रह के रूप में लगेगी.
बीजेपी नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को राज्य के मूर्तिकार अरुण योगीराज को बधाई देते हुए कहा था कि उनके द्वारा बनाई गई प्रतिमा को अयोध्या के नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया है. इसपर अब राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने सफाई दी है.