मुगल सम्राट जलालउद्दीन अकबर तैमूरी मुगल वंश का तीसरा शासक था (Akbar). पिता हुमायूं की मृत्यु के बाद वह 1556 में गद्दी पर बैठा और लगभग 50 वर्षों तक शासन किया. अकबर को उसकी नीतियों, प्रशासनिक सुधारों, धार्मिक सहिष्णुता और कला-संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए जाना जाता है.
अकबर ने साम्राज्य की एकता बनाए रखने के लिए ऐसी नीतियां अपनाईं, जिनसे गैर मुसलमानों की राजभक्ति जीती जा सके. अकबर ने अपने शासनकाल में सभी धर्मों का सम्मान किया था. अकबर ने मुगल शक्ति का भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों में विस्तार किया. अकबर की उम्र महज 13 साल थी जब उसने राजगद्दी संभाली थी. अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई को पंजाब के कलनौर में हुआ था.
हल्दीघाटी का युद्ध मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून, 1576 ई. को लड़ा गया था. अकबर और राणा के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था. ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे.
उसने हिन्दू-मुस्लिम संप्रदायों के बीच की दूरियां कम करने के लिए दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना की. इसमें सभी धर्मों की बेहतरीन चीजों का समावेश था. दीन-ए-इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम और अंतिम हिंदू शासक बीरबल था.
अकबर के काल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण काल कहा जाता है. उसने एक बेहतरीन लाइब्रेरी स्थापित की थी. इसमें संस्कृत, हिंदुस्तानी, फारसी, यूनानी, लातिन, अरबी और कश्मीरी में 24 हजार वॉल्यूम थे. उसने हिंदू धार्मिक यात्राओं पर लगने वाले टैक्स को हटाने का काम किया.
अब्राहम इराली ने अपनी किताब 'एम्परर्स ऑफ द पिकॉक थ्रोन: द सागा ऑफ द ग्रेट मुगल्स' में अकबर के समकालीन इतिहासकार मुल्ला अब्द-उल-कादिर बदायूंनी (1540 - 1615) का हवाला देते हुए लिखा है कि अकबर पर उसके हिंदू राजा बीरबल का बड़ा प्रभाव था.
मुल्लाह अब्दुल कादिर बदायूंनी के अनुसार, मुगल सम्राट अकबर पर बीरबल का बहुत प्रभाव था. बदायूंनी इस बात को पीड़ा के साथ लिखते हैं, 'बीरबल ने सम्राट अकबर को सूर्य और अग्नि की पूजा के लिए तैयार कर लिया था.' बदायूंनी के मुताबिक, बीरबल के प्रभाव में आकर अकबर जल, पत्थर, पेड़ और सभी प्राकृतिक तत्वों की पूजा करने लगा था. यहां तक कि वह गाय के सामने झुककर नमन करता था और गाय के गोबर को भी खास दर्जा देता था. बीरबल ने अकबर को सूर्य की पूजा करने के लिए प्रोत्साहित किया. बीरबल ने अकबर को तर्क दिया कि सूर्य सभी को प्रकाश देता है और सभी फलों, फूलों और पृथ्वी के उत्पादों को पकाने में मदद करता है. सूर्य मानव को जीवित रखने में मदद करता है इसलिए उसकी पूजा की जानी चाहिए.
अकबर ने युद्ध के कैदियों को गुलाम बनाने, उनकी पत्नियों और बच्चों को बेचने, आदि की पुरानी प्रथा को प्रतिबंधित किया. साथ ही तीर्थयात्रा कर और जाज़िया कर को रद्द कर दिया. अकबर ने इबादत खाना की स्थापना की थी, जिसमें सभी धर्मों के लोगों के प्रवेश की अनुमति थी.
मुगल सम्राट अकबर की मृत्यु 27 अक्टूबर 1605 को हुई थी. वह आगरा में स्थित फतेहपुर सीकरी में अपने अंतिम दिनों में था. उसकी मृत्यु का कारण आंतरिक बीमारी माना जाता है. उन्हें सिंकदरबाद में दफनाया गया, जहां आज भी उनकी शानदार समाधि स्थित है.
अकबर की मृत्यु के बाद उ,का पुत्र जहांगीर (सलीम) मुगल साम्राज्य का अगला शासक बना.
बहस बाजीगर कार्यक्रम में शिक्षा के भगवाकरण के मुद्दे पर गरमागरम बहस हुई. एक पक्ष का कहना था कि शिक्षा में सत्य बताया जा रहा है. इतिहास का मतलब होता है जैसा हुआ वो बताओ जो हुआ वो बताओ. वहीं, दूसरे पक्ष ने इसे शिक्षा का भगवाकरण बताया. देखें बहस बाजीगर.
प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व के शोधार्थी डॉ. अंकित जायसवाल बताते हैं अकबर का शासनकाल कई अलग-अलग घटनाओं का मिला-जुला इतिहास है, इसलिए किसी एक घटना से उसके पूरे शासनकाल या व्यक्तित्व का निचोड़ नहीं निकाला जा सकता है. वह NCERT की ही पुरानी किताब के इतिहास के हवाले से बताते हैं कि "चित्तौड़ में किसानों और योद्धाओं का जो कत्लेआम हुआ वह अकबर के शासनकाल में पहला और अंतिम अवसर था", इसी से इस घटना की क्रूरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
एनसीईआरटी की सामाजिक विज्ञान की नई किताब में इतिहास के पन्नों को नए सिरे से देखा गया है. आठवीं की इस किताब में मध्यकालीन भारत के इतिहास, खासकर मुगल काल पर एक नया दृष्टिकोण सामने रखा गया है. इसमें मुगल शासक अकबर को 'महान' के बजाय उसके शासन में हिंदुओं पर हुई क्रूरता का जिक्र है. इस बदलाव पर बहस छिड़ गई है कि क्या यह इतिहास के 'डार्क चैप्टर' को खोलना है या शिक्षा का 'भगवाकरण' है?
नाटक की शुरुआत प्रभाव डालती है. वह दर्शकों को अभ्यास कराती है कि आप प्ले देखने आए हैं तो सिर्फ मंच के भरोसी मत रहिए, पूरे सभागार में चारों तरफ नाटक है, चारों ओर मंच है. हर ओर दर्शक है और खुद दर्शक भी नाटक का सबसे अहम किरदार है. निर्देशक का ये अंदाज लोगों को पहली ही पंक्ति से नाटक से जोड़ देता है.
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने दावा किया, "ऐसा कहा जाता है कि जोधा और अकबर की शादी हुई थी और इस कहानी पर एक फिल्म भी बनी थी. इतिहास की किताबें भी यही कहती हैं, लेकिन यह झूठ है. भारमल नाम का एक राजा था और उसने एक दासी की बेटी की शादी अकबर से कर दी थी."
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में अकबर को महान बताए जाने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ही वास्तव में महान थे. जातिवाद पर उन्होंने कहा कि इससे मुक्ति के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाना होगा और राष्ट्र हित में सोचना होगा. देखें.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर 'फ्लोर लैंग्वेज' विवाद पर बयान दिया. उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदी इस सदन की भाषा है, उसे नहीं हटाया जा रहा है, ना ही किसी भाषा को थोपा जा रहा है. आप लोग बस उर्दू-उर्दू कर रहे हैं.
कुंभ स्नान के बाद मुगल शासकों पर छिड़े विवाद की पड़ताल की गई. औरंगजेब और अकबर को लेकर नेताओं के बयान से लगातार सवाल उठ रहे हैं. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में इतिहास पर सियासत हो रही है. देखें.