अब्दुल रहीम राथर (Abdul Rahim Rather ) नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हैं. उनको जम्मू-कश्मीर विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया, जिसका सत्र छह साल बाद 4 नवंबर 2014 को शुरू हुआ.
केंद्र शासित प्रदेश के कृषि उत्पादन, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और सहकारिता मंत्री जाविद अहमद डार ने राथर को 90 सदस्यीय सदन का अध्यक्ष चुनने का प्रस्ताव पेश किया था.
अब्दुल रहीम राथर जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के चरार-ए-शरीफ विधानसभा क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए छह बार विधायक रह चुके हैं. वे पिछली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकारों में अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं और वित्त सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके हैं.
राथर ने पहली बार 1977 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में चरार-ए-शरीफ विधानसभा क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी. बाद में वे लगातार पांच बार- 1983, 1987, 1996, 2002 और 2008 के चुनाव जीते.
राथर का जन्म जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा के बादीपोरा गांव में हुआ था. उनके पिता गुलाम कादिर राथर एक किसान थे. उन्होंने 1968 में कश्मीर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की और बाद में 1971 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. किया. उनका बेटा एक सॉफ्टवेयर कंपनी चलाता है.
जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सरकार का एक साल पूरा होने के बाद, विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने 23 अक्टूबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र पर चर्चा की है. इस सत्र में एक विधायक की पीएसए के तहत हिरासत और एक संभावित भूमि विधेयक को लेकर गहमागहमी के आसार हैं.